दिल्ली की सियासत में विरासत की परीक्षा, पूर्व PM-CM के पोते से लेकर बेटे तक आजमा रहे चुनावी किस्मत

दिल्ली विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दलों ने अपने-अपने पत्ते खोल दिए हैं. इस बार विरासत के जरिए सियासत में आए हुए कई नेताओं को अग्निपरीक्षा से होकर गुजरना है. पूर्व पीएम के पोते से लेकर दिल्ली के तीन पूर्व सीएम के बेटे विधानसभा चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. इसके अलावा करीब दर्जन विधायकों की जगह पर उनके परिवार वाले ताल ठोक रहे हैं, जिसमें कई विधायकों के बेटे और पत्नी शामिल हैं. इस तरह से वंशवादी नेताओं को अपने पिता और दादा की विरासत को बचाने की चुनौती है.
पूर्व पीएम के पोते की अग्निपरीक्षा
द्वारका विधानसभा सीट से कांग्रेस ने आदर्श शास्त्री को टिकट दिया है, जो 2015 में आम आदमी पार्टी से विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस प्रत्याशी आदर्श शास्त्री पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते हैं. आम आदमी पार्टी से इस सीट पर पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के बेटे और मौजूदा विधायक विनय मिश्रा को उतार रखा है. बीजेपी से प्रदुय्मन राजपूत चुनाव लड़ रहे हैं. इस तरह से पूर्व पीएम के पोते को पूर्व सांसद के बेटे से दो-दो हाथ करना पड़ रहा है, जिसके चलते मुकाबला काफी रोचक माना जा रहा. ऐसे में देखना है कि पूर्व पीएम के पोते की जीत होती है या फिर पूर्व सांसद का बेटा एक फिर जीत का परचम फहराता है.
तीन पूर्व सीएम के बेटे कैसे फंसे?
विधानसभा चुनाव में इस बार दिल्ली के तीन मुख्यमंत्री रह चुके नेताओं के बेटों की अग्निपरीक्षा होनी है. नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस और बीजेपी ने मुख्यमंत्री रहचुके नेताओं के बेटों को टिकट दिया है. कांग्रेस से शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित हैं तो बीजेपी से साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा किस्मत आजमा रहे हैं. इस नई दिल्ली सीट पर मुकाबला काफी रोचक हो गया है, जो एक पूर्व सीएम को दो पूर्व सीएम के बेटे से दो-दो हाथ करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं कांग्रेस और बीजेपी से उतरने दोनों ही प्रत्याशी दिल्ली से सांसद रह चुके हैं. इस तरह से दिल्ली के दोनों पूर्व सीएम के बेटें फंसे हुए हैं.
दिल्ली पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के बेटे हरीश खुराना को बीजेपी ने मोती नगर सीट से प्रत्याशी बनाया है, जिनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के विधायक शिवचरण गोयल और कांग्रेस के राजेंद्र रामधारी से है. हरीश खुराना के लिए यह सीट काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि इस सीट से उनके पिता मदन लाल खुराना दो बार विधायक रह चुके हैं. 1993 में इस सीट से जीतने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक के साथ उन्हें दो-दो हाथ करना होगा. इसके चलते हरीषा खुराना सियासी चक्रव्यूह में फंसे हुए हैं.
पिता की विरासत आगे बढ़ाने की चुनौती
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार आधा दर्जन से भी ज्यादा सीटों पर दिग्गज नेताओं ने अपने परिवार के सदस्यों को उतारा है. कृष्णा नगर विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी ने अपने मौजूदा विधायक एसके बग्गा की जगह बेटे विकास बग्गा के टिकट दिया. चांदनी चौक सीट पर विधायक प्रह्लाद साहनी पर अपने बेटे पुरुनदीप साहनी पर दांव लगाया है, लेकिन कांग्रेस ने पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल को चांदनी सीट से प्रत्याशी बनाकर मामला फंसा दिया है. ऐसे ही मटिया महल से शोएब इकबाल की जगह उनके बेटे आले मोहम्मद इकबाल को आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है. सीलमपुर सीट पर पूर्व विधायक मतीन अहमद के बेटे जुबैर अहमद को टिकट दिया है.
वहीं, मुस्तफाबाद सीट पर कांग्रेस नेता हसन अहमद के बेटे अली मेहंदी को पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है. उत्तम नगर सीट से आप विधायक नरेश बाल्यान की पत्नी पोश बाल्यान को टिकट मिला है. दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री मंगत राम सिंघल के पोते शिवांक सिंघला को आदर्श नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने टिकट दिया है, जिसके चलते मुकाबला रोचक हो गया है.
महिला पार्षद के पति ठोक रहे ताल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में महिला पार्षद कुसुम लता के पति रमेश पहलवान को कस्तूरबा नगर से आम आदमी पार्टी में ने प्रत्याशी बनाया है. साथ ही, पार्षद मीणा यादव के पति तरुण यादव को नजफगढ़ से मैदान में है. इसी तरह से पार्षद पूनम भारद्वाज के पति सुरेंद्र भारद्वाज को बिजवासन से आम आदमी पार्टी से टिकट मिला है. पार्षद से नीतू चौधरी के पति को मनीष चौधरी को ओखला विधानसभा सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है. इसी तरह से पार्षद रेखा चौधरी के पति महेंद्र चौधरी महरौली से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में है. ओखला के जाकिर नगर से पार्षद के पति शोएब दानिश टिकट मांग रहे हैं तो पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान की बेटी अदीबा चुनाव में किस्मत आजमाना चाहती है.