शिवराज के ‘मामा के घर’ पर नेता प्रतिपक्ष की नजर, आखिर इस बंगले पर क्यों जता रहे हैं अपना दावा?

शिवराज के ‘मामा के घर’ पर नेता प्रतिपक्ष की नजर, आखिर इस बंगले पर क्यों जता रहे हैं अपना दावा?

New Delhi : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आवास को ‘मामा के घर’ के तौर पर पहचाना जाता है। अब इस मामा के घर पर विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की नजर है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस आवास को आवंटित करने का आग्रह किया है।

शिवराज ने ‘मामा का घर’ रखा नए बंगले का नाम

दरअसल, राज्य के मुख्यमंत्री के पद पर शिवराज सिंह चौहान 18 साल तक रहे और अब वे 74 बंगला क्षेत्र में बी. 8-9 में निवासरत हैं। बी 8-9 दो बंगले थे, जिन्हें मिलाकर एक बंगला बनाया गया है। इस आवास को पूर्व मुख्यमंत्री ने ‘मामा का घर’ नाम दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को एक पत्र लिखकर बी-9 आवास आवंटित करने का आग्रह किया है।

उमंग सिंघार ने बताई ये वजह

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि शासकीय आवास क्रमांक बी-9 मध्य प्रदेश के आदिवासी वर्ग की पहली महिला उपमुख्यमंत्री जमुना देवी को नेता प्रतिपक्ष होने के नाते वर्षों आवंटित रहा है। वह आदिवासी समुदाय की नेता होने के साथ-साथ मेरी बुआ भी थी और बचपन से ही इस बी-9 शासकीय आवास में मैंने उनको दिन-रात प्रदेश के सर्वहारा वर्ग की सेवा में जुटे देखा है। भावनात्मक रूप से मेरा इस शासकीय आवास से लगाव भी है। उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते मुझे उक्त शासकीय आवास आवंटित किया जाए।

जानें इस सरकारी बंगले की कहानी

दरअसल, इस सरकारी बंगले की कहानी कुछ ऐसी है कि बी-9 से लगा बी-8, 74 बंगला मामा का घर है। शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद यहां पर शिफ्ट हुए हैं। इसी से लगे बी-9 में शिवराज सिंह चौहान का दफ्तर संचालित होता है। 74 बंगले के बी-9 बंगले का मामला विधानसभा में भी गूंज चुका है। तत्कालीन कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने शिवराज सिंह चौहान के घर से लगे बी-9 सरकारी आवास को डिस्मेंटल करने का आरोप लगाया था और करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद सरकारी आवास को डिस्मेंटल करने पर सवाल भी खड़े किए थे।


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