Lalu Yadav: लालू यादव के लिए कल अहम दिन, जमानत मिली तो आएंगे जेल से बाहर; तेजस्वी-रोहिणी कर रहे पूजा-रोजा
- Lalu Lalu Yadav Lalu Prasad Yadav राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शनिवार 17 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। लालू की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल अदालत में उनकी जमानत अर्जी पर दलीलें पेश करेंगे।
रांची : चारा घोटाले के चार मामलों के सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शनिवार, 17 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। लालू की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल अदालत में उनकी जमानत अर्जी पर दलीलें पेश करेंगे। जबकि लालू की जमानत के विरोध में केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआइ पुरजोर तरीके से कोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। यह मामला उच्च न्यायालय में जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। इससे पहले लालू की जमानत याचिका पर शुक्रवार, 16 अप्रैल को सुनवाई होनी थी। लेकिन झारखंड हाई कोर्ट कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइजेशन के चलते शुक्रवार को बंद कर दिया गया है। ऐसे में लालू की जमानत पर अब शनिवार को सुनवाई होगी।
भगवान-अल्लाह की भक्ति में जुटा लालू परिवार
इधर लालू परिवार को अबकी बार राजद अध्यक्ष को जमानत मिलने की पूरी उम्मीद में भगवान और अल्लाह की भक्ति में जुटा है। लालू के छोटे बेटे और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बीते दिन बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर में भगवान भोलेनाथ का दर्शन-पूजन कर पिता की रिहाई की कामना की। तेजस्वी ने कामाख्या मंदिर में भी पिता की सलामती के लिए पूजा-पाठ किया।
बेटी रोहिणी पिता लालू की रिहाई के लिए रख रही रोजा
लालू की बेटी रोहिणी ने इससे पहले रमजान के मुबारक मौके पर अपने पिता लालू प्रसाद यादव की अच्छी सेहत और जेल से रिहाई के लिए रोजा रखने की घोषणा की थी। रोहिणी ने ट्विटर पर अपने संदेश में लिखा था कि रमजान का पाक महीना शुरू हो रहा है, इस साल हमने भी फैसला किया है कि पूरे महीने अपने पापा के सेहतयाबी और सलामती के लिए रोजा रखूंगी। पापा की हालत में सुधार हो और जल्दी न्याय मिल सके, इसकी भी दुआ करुंगी।
एक बार खारिज हो चुकी है लालू की जमानत याचिका
इधर चारा घोटाले के दुमका कोषागार मामले में झारखंड हाई कोर्ट से एक बार जमानत याचिका खारिज होने के बाद लालू प्रसाद यादव की ओर से फिर से सजा की आधी अवधि काट लेने के तर्क के साथ कोर्ट से बेल की मांग की गई है। जबकि सीबीआइ की ओर से दाखिल किए गए जवाब में एजेंसी की ओर से लालू यादव की जमानत याचिका के औचित्य पर सवाल उठाया गया है। सीबीआइ ने साफ कहा है कि दुमका मामले में लालू को सात-सात साल की दो सजाएं अलग-अलग धाराओं में दी गई है।
सीबीआइ दे रही 14 साल सजा का तर्क
लालू प्रसाद को दुमका मामले में कुल 14 साल जेल की सजा काटनी है। सीबीआइ की विशेष अदालत ने अपने सजा आदेश में स्पष्ट कहा है कि दोनों सजाएं एक के बाद एक चलेंगी। इस लिहाज से लालू की आधी सजा की अवधि सात साल की होती है। जिसे पूरा होने में अभी 3 साल से अधिक का वक्त है। लालू को इन हालात में जमानत कैसे दी जा सकती है। लालू के वकील कपिल सिब्बल ने सीबीआइ पर लालू को जेल से नहीं निकलने देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से स्थगन आदेश लाने की आशंका जाहिर की है।
हाई कोर्ट 7 साल की सजा मानकर कर रहा सुनवाई
बहरहाल, लालू की सजा अवधि सात साल मानकर उनकी जमानत पर सुनवाई कर रहे झारखंड हाई कोर्ट से लालू को राहत की पूरी उम्मीद है। अब शनिवार को सीबीआइ लालू की जमानत के विरोध में अपने तर्क के साथ क्या नया दांव आजमाती है, यह देखने वाली बात होगी। लालू की जमानत और उनके जेल से छूटने पर लालू समर्थकों और राजद के नेता-कार्यकर्ता की नजरें टिकी हैं। शनिवार को राजद, लालू और लालू परिवार के लिए अहम दिन होगा।