कोविड-19: फिर आए कोरोना के 5 हजार से ज्यादा नए मामले, राहत इतनी कि ठीक होने की दर बढ़कर हुई 40 पर्सेंट

- बुधवार को 24 घंटों के अंदर देश भर में कोरोना के 5 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए
- देश भर में अभी 61,149 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 42 हजार 298 लोगों को छुट्टी दी जा चुकी है
- राहत की बात यह है कि कोरोना से ठीक होने की दर में भी बढ़ोतरी हुई है और अब यह 40 पर्सेंट है
नई दिल्ली
बुधवार को देश भर में कोरोना वायरस संक्रमण के पांच हजार से अधिक नए मामले सामने आए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिन लोगों में कोरोना वायरस के मामलों की पुष्टि हुई है उनके ठीक होने की दर में बढोत्तरी दर्ज की गयी है। यह दर 40 फीसदी के करीब पहुंच गयी है जो 25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने से पहले सात प्रतिशत थी।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अस्पताल की जरूरत सात फीसदी से भी कम मरीजों को है। पिछले 24 घंटे में 140 से अधिक मरीजों के मरने के कारण देश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ कर 3434 हो गई है। देश में 5547 से अधिक मामले सामने आए हैं जिससे देश में कोविड—19 संक्रमितों की संख्या बढ कर 1,12,028 हो गई है।
प्रति लाख कोविड-19 मरीजों के मामले
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स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अगरवाल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोविड-19 से ‘जन से जग तक’ प्रभावित हुआ है। दुनियाभर की आबादी के लिहाज से देखें तो प्रति 1 लाख लोगों में 62 लोग कोविड-19 के शिकार हुए हैं जबकि भारत में प्रति लाख करीब 7.9 लोग ही प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित दुनिया के 10 देशों में तो प्रति लाख 100, 115 से लेकर 496 लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है।’
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इसी तरह प्रति लाख मृत्यु दर की बात करें तो दुनियाभर में प्रति लाख की आबादी में कोविड-19 से 4.2 लोग मरे हैं जबकि भारत में अब तक प्रति लाख की आबादी में करीब 0.2 लोगों की मौत हुई है। दुनिया के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित 10 में से 9 देशों में प्रति लाख की आबादी के हिसाब से 10 से ज्यादा कोविड-19 मरीजों की मौत हुई है।
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इन सबसे अधिक प्रभावित 10 देशों में करीब 6 देशों में 2 लाख से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस आए हैं। यहां तक कि एक देश में 14 लाख तक कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं।
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अगरवाल ने बताया कि दुनिया के सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देशों में से 6 देश ऐसे हैं जहां 10 हजार से ज्यादा कोविड-19 मरीजों की मौत हो चुकी है। भारत में केंद्र और राज्य सरकारों की मदद से अब तक महज 3,303 मरीजों की ही मौत हुई है। यह अलग बात है कि एक व्यक्ति की मौत भी दुखद है।
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दुनिया के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित 15 देशों की कुल जनसंख्या 1 अरब 42 करोड़ के आसपास है। यहां 36 लाख केस सामने आ चुके हैं। अगर हमारे देश की आबादी 1 अरब 37 करोड़ भी मान लें तो भी यहां करीब 1 लाख केस सामने आए हैं। उन 15 देशों में 2.73 लाख कोविड-19 मरीजों की मौत हुई है जबकि भारत में 3 हजार से कुछ ज्यादा मरीजों की जानें गई हैं। यानी भारत की आबादी के बराबर वाले इन 15 देशों में 34 गुना ज्यादा केस आए और 84 गुना ज्यादा कोविड-19 मरीजों की मौत हुई है।
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25 मार्च को जब भारत में लॉकडाउन लागू किया गया तब कोविड-19 मरीजों का रिकवरी रेट करीब 7.1 प्रतिशत था। प्रयासों के तहत जब 15 अप्रैल से लॉकडाउन का दूसरा शुरू हुआ तब तक रिकवरी रेट बढ़कर 11.42 प्रतिशत तक पहुंच गया। 4 मई को तीसरा चरण शुरू होने तक रिकवरी रेट बढ़कर 26.59 प्रतिशत तक पहुंचा और जब 18 मई को लॉकडाउन का चौथा चरण शुरू हुआ तो यह स्वस्थ होने वाले कोविड-19 मरीजों की दर 39.62 प्रतिशत तक पहुंच गई। अब 20 मई को यह रेट पहुंचकर 42.29 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।
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इलाजरत कोविड-19 मरीजों को ही ऑक्सिजन सपॉर्ट की जरूरत पड़ रही है। करीब 3 प्रतिशत मरीजों को ICU में रखा गया है जबकि 0.45% मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। चौकसी का स्तर ऊंचा होने के कारण मरीजों की जल्द पहचान हो जा रही है, इसलिए महज कोरोना वायरस से संक्रमित 6.39% लोगों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ रही है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रटरी लव अगरवाल ने बताया कि टॉप लेवल से मॉनिटरिंग, ग्रेडेड रिस्पॉन्स सिस्टम, प्रोऐक्टिव और प्रीएंप्टिव अप्रोच के साथ अडवांस्ड प्लानिंग के तहत काम किया जा रहा है। प्रिवेंशन (रोकथाम), कंटेनमेंट और मैनेजमेंट ऑफ केसेज, इन तीन चीजों पर काफी प्रयास किए हैं। इन प्रयासों को अधिक से अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्यों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है। इसका सीधा-सीधा फायदा भी दिखाई दे रहा है।
ठीक होने की दर 39.62 फीसदी है
स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुये कहा कि देश भर में अभी 61 हजार 149 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 42 हजार 298 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस महामारी से ठीक होने की दर 39.62 फीसदी है जो लॉकडाउन के शुरूआत में 7.1 प्रतिशत थी।
कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए देश भर में पहली बार लॉकडाउन 21 दिन के लिये लगाया गया था जो 14 अप्रैल तक था, लेकिन दूसरे चरण में इसे तीन मई तक बढा दिया गया। इसके बाद तीसरे चरण में इसे 17 मई तक बढाया गया। अब इसमें दो हफ्ते के लिये पुन: इजाफा कर दिया गया है जो 31 मई तक के लिये है। इस प्रकार लॉकडाउन जारी है।
25 से घरेलू उड़ानें चालू होंगी
मौजूदा समय में जारी लॉकडाउन के चौथे चरण में आर्थिक गतिविधियों को बढाने के लिये प्रतिबंधों में कुछ छूट दी गयी है। इसमें और छूट की घोषणा करते हुये केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि 25 मई से घरेलू विमानों को क्रमिक तरीके से उड़ान भरने की इजाजत दी जायेगी। कोरोना वायरस के कारण इन विमानों का परिचालन करीब दो महीने से बंद है।
मंत्री ने हालांकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बारे में कोई बात नहीं बतायी । विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिये उड़ान भर रहे कुछ विशेष विमानों को छोड़ कर अंतरराष्ट्रीय विमानों का परिचालन भी लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही ठप है। इस महामारी के कारण विमानन सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित हुआ है क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से भारत समेत विभिन्न देशों ने विमानों के परिचालन पर रोक लगा रखी है। इसी प्रकार कई अन्य सेक्टरों में भी स्थिति ऐसी ही है।
श्रमिकों की भारी कमी
लॉकडाउन के कारण लाखों में श्रमिक अपने घरों की और लौट चुके हैं अथवा लौट रहे हैं जिससे पूरे देश में उद्योग धंधों में श्रमिकों की भारी कमी हो गई है जहां लॉकडाउन से पहले वह काम कर रहे थे। लॉकडाउन लागू होने के कारण इन लोगों की नौकरी चली गयी और कई मामलों में तो ये लोग बेघर हो गये हैं । कैब कंपनी ओला ने अपने 1400 कर्मचारियों को निकाल दिया है क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के चलते पिछले दो महीनों में उनके राजस्व में 95 फीसदी तक की गिरावट आयी है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भवीश अग्रवाल ने इसकी जानकारी दी है।
200 यात्री ट्रेन की सूची जारी
रेलवे ने बुधवार को उन 200 यात्री ट्रेन की सूची जारी की जिनका परिचालन एक जून से होगा। इनमें दूरंतो, संपर्क क्रांति, जन शताब्दी और पूर्वा एक्सप्रेस जैसी लोकप्रिय ट्रेनें भी शामिल हैं। रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों में एसी और गैर एसी, दोनों तरह के कोच होंगी जो पूरी तरह आरक्षित होंगी। रेलवे ने कहा कि सामान्य श्रेणी के यान भी पूरी तरह से बैठने के लिए आरक्षित होंगे। इन ट्रेनों में कोई भी कोच अनारक्षित नहीं होगा। इन ट्रेनों का किराया सामान्य होगा। आरक्षित सामान्य कोच के लिए दूसरी श्रेणी की बैठने वाली सीट का किराया लिया जाएगा। रेलवे ने कहा कि इन ट्रेनों में सभी यात्रियों को सीट उपलब्ध करायी जाएगी तथा इन ट्रेनों का संचालन एक जून से शुरू होगा। इनके लिए आरक्षण 21 मई को सुबह दस बजे से शुरू होगा।
COVID-19: भारत में कोरोना के नये मामले बढ़े लेकिन रिकवरी रेट हुआ 40% के करीबभारत में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 40 प्रतिशत के करीब पहुंच गया है। हालांकि देश में कोरोना मरीज़ों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 24 घंटे में रिकवरी रेट में काफी सुधार दर्ज की गई है।