कमलेश तिवारी मर्डर: ISIS कनेक्शन की पड़ताल, एसआईटी का गठन, राजनाथ ने की डीजीपी से बात
खास बातें
- जनसमुदाय की धार्मिक भावना भड़काने पर लगा था रासुका
- आईएसआईएस के निशाने पर थे कमलेश तिवारी
- भगवा कपड़ों में दो परिचित युवक आए थे घर
- मिठाई के डिब्बे में छिपाकर लाए थे चाकू-पिस्टल
हिंदू महासभा के पूर्व नेता व हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की बेरहमी से हत्या के सुराग जुटाने में पुलिस जोर-शोर से जुटी हुई है। परिजनों और लोगों में इसे लेकर आक्रोश है। इस बीज रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने कमलेश तिवारी हत्याकांड पर यूपी के डीजीपी और डीएम से बात की। राजनाथ सिंह ने इनसे फोन पर बात करते हुए उन्हें बिना देर किए आरोपियों को पकड़ने के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है
वहीं, इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इस टीम में लखनऊ आईजी एस के भगत, एसपी क्राइम लखनऊ दिनेश पुरी और स्पेशल टास्क फोर्स के डिप्टी एसपी पी के मिश्रा होंगे।
बेरहमी से की कमलेश तिवारी की हत्या
लखनऊ के खुर्शीदबाग क्षेत्र निवासी हिंदू महासभा के नेता रहे और वतर्मान में हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी (50) की शुक्रवार दोपहर दो लोगों ने बेरहमी से हत्या कर दी। दोनों संभवत: उनके परिचित थे और भगवा कपड़े पहने कमलेश के घर की पहली मंजिल पर स्थित दफ्तर पहुंचे थे।
वे मिठाई के डिब्बे में पिस्टल व चाकू छिपाकर लाए थे। उन्होंने पहले कमलेश की गर्दन पर गोली मारी। फिर चाकू से ताबड़तोड़ वार करने के बाद गला रेत दिया। कमलेश की हत्या की खबर फैलते ही हिंदूवादी संगठन के पदाधिकारी व सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। उन्होंने अमीनाबाद का बाजार बंद कराकर पुलिस-प्रशासन व सरकार विरोधी नारेबाजी की, रोडवेज बस में तोड़फोड़ कर दी, पोस्टमार्टम हाउस तिराहा पर जाम लगाकर धरना-प्रदर्शन व हंगामा किया।
तनाव के मद्देनजर इलाके में कई थानों की पुलिस फोर्स और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात कर दी गई। देर रात तक सड़क पर बवाल चलता रहा। कमलेश आईएसआईएस के निशाने पर थे। संगठन के आतंकी उबैद मिर्जा और कासिम सिंबरवाला ने कमलेश तिवारी को मार डालने की बात कही थी। दोनों आतंकियों को एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) ने 24 अक्तूबर 2017 को गुजरात में गिरफ्तार किया था।
एटीएस ने अपनी चार्जशीट में इस बात का जिक्र भी किया। चार्जशीट के मुताबिक आतंकियों ने कमलेश तिवारी का एक वीडियो दिखाते हुए कहा था कि उसको मार डालना है। उधर, एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि किसी युवती की गैर मजहब में शादी को लेकर कुछ झगड़े की बात सामने आ रही है। इसके अलावा कई अन्य बिंदुओं पर भी पड़ताल की जा रही है।
पैगम्बर मोहम्मद साहब के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी से धार्मिक भावना भड़काने व पोस्टर चस्पा करने के मामले में कमलेश तिवारी के खिलाफ 9 दिसंबर 2015 को रासुका तामील हुआ था। तब उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा पहुंचे घर, लोगों ने लगाए सरकार विरोधी नारे
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परिवार की समुचित सुरक्षा का प्रबंध किया जा रहा है। एडीजी, आईजी ,कमिश्नर, डीएम भी तिवारी के घर पहुंचे। दूसरी ओर कमलेश तिवारी की पत्नी ने पुलिस को तहरीर दी है।
सुरक्षा के नाम पर सिर्फ एक दीवान था जो नीचे हॉल में ऊंघ रहा था
कमलेश को एक गनर गणेश प्रसाद राजभर भी मिला हुआ था जो लापरवाह था। अक्सर वह ड्यूटी से गायब रहता था। कमलेश के बुलाने पर ही वह आता था। शुक्रवार को उन्होंने गनर को दोपहर करीब एक बजे बुलाया था। हालांकि, उसके आने से पहले ही हत्या की वारदात हो गई।
सूरत से खरीदा गया था मिठाई का डिब्बा, आईएसआईएस कनेक्शन की पड़ताल
उक्त मिठाई की कीमत 680 रुपये प्रति किलो थी लेकिन बिल सिर्फ 500 रुपये का है। बिल का भुगतान नकद रुपये में किया गया था। सूरत से दो दिन पहले खरीदी गई मिठाई के डिब्बे में पिस्टल-कारतूस छिपाकर लाने से हत्या का कनेक्शन आईएसआईएस से जोड़ा जा रहा है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि गुजरात में पकड़े गए आईएसआईएस के आतंकी उबैद मिर्जा और कासिम सिंबरवाला ने कमलेश को मारने की धमकी दी थी। मिठाई का डिब्बा भी गुजरात के सूरत का ही है। कहीं ऐसा तो नहीं कमलेश को आईएसआईएस से जुड़े लोगों ने ही मारा हो।