‘दरी… जो बिछाएगा वही बैठेगा’, जीतनराम मांझी ने कर दी नीतीश कुमार से यह मांग, क्या CM कर पाएंगे पूरी?

बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर को जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर दी है। इसके बाद से राज्य की सियासत में भूचाल आ गया है। राजनीतिक दल एक-दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं। इस बीच बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी ही हिस्सेदारी हो।
पटना। बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के तीसरे दिन यानी बुधवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी ही हिस्सेदारी हो। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि मौजूदा राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर जातीय संख्या के आधार पर मंत्री परिषद का गठन किया जाए।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने अपने आधिकारिक एक्स (Twitter) हैंडल से ट्वीट कर सीएम नीतीश कुमार से कैबिनेट को बर्खास्त करने की मांग की है।
जीतनराम मांझी ने लिखा, ”जिसकी जितनी संख्या भारी, मिले उसको उतनी हिस्सेदारी के तर्ज पर मैं नीतीश कुमार से आग्रह करता हूं कि राज्य राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त किया जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातीय संख्या के आधार पर मंत्री परिषद का गठन करें, जिससे समाज के हर तबके को प्रतिनिधित्व का मौका मिल पाए। दरी बिछाने वाला जमाना गया, अब जो बिछाएगा वही बैठेगा।”
भाजपा नेता ने की मांग – मुस्लिम को बनाएं CM
इससे एक दिन पहले भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी।नीतीश कुमार ने भी तो यही सोचकर जातीय सर्वे कराया है।
उन्होंने कहा कि अब जब सर्वे में सामने आया है कि 19 फीसदी दलिते हैं और 17 फीसदी मुसलमान तो फिर नीतीश ढाई-ती प्रतिशत के होकर सीएम पद पर क्यों हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश को पद से हटें और किसी दलित या मुस्लिम को मुख्यमंत्री बनाएं।
पशुपति पारस ने की यह मांग
केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने जातीय गणना की रिपोर्ट पर कहा कि राज्य में हमारी आबादी करीब 20 फीसदी हो गई है तो ऐसे में बिहार में मुख्यमंत्री और उप मंत्री दलित समुदाय से होना चाहिए।
बता दें कि बिहार सरकार ने 2 अक्टूबर को जातीय गणना की रिपोर्ट जारी की थी।