जम्मू-कश्मीरः अनंतनाग में सेना के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकी ढेर
गौरतलब है कि मानसून में सरहद पर आतंकियों की घुसपैठ रोकना सबसे बड़ी चुनौती साबित होगा। जिस तरह से कठुआ और सांबा जिलों के बॉर्डर को आतंकियों ने घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया है, उस लिहाज से मानसून में घुसपैठ रोकना एक बड़ी चुनौती होगा। बहुत से नाले दोनों जिलों को पाकिस्तान से जोड़ते हैं। मानसून में कई जगहों पर बारिश की वजह से फेंसिंग क्षतिग्रस्त हो जाती है जिसका लाभ उठाकर आतंकी घुसपैठ करते हैं।
जानकारी के अनुसार पिछले चार वर्षों में नगरोटा और झज्जर कोटली में चार आतंकी हमले हुए हैं। इन हमलों में शामिल आतंकियों के कठुआ और सांबा जिलों के बॉर्डर से घुसपैठ करके आने का मामला सामने आया था। पकड़े गए इन आतंकियों के मददगारों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि किस तरह से आतंकी बॉर्डर से आते हैं।
सूत्रों का कहना है कि आतंकी संगठन खराब मौसम पर नजर गढ़ाए हुए हैं। जैसे ही मानसून दस्तक देगा और बारिश का दौरा शुरू होगा तो आतंकी घुसपैठ के प्रयास तेज करेंगे। इसके लिए आतंकियों ने अपने मददगारों (ओजी वर्करों) को भी सक्रिय कर दिया है।
ओजी वर्करों को आतंकियों के लिए ठिकाने तैयार करने और घुसपैठ करने के बाद हथियार मुहैया कराने व कश्मीर पहुंचाने के लिए मदद करने को कहा गया है। अभी कुछ दिन पहले हीरानगर में बीएसएफ ने पाकिस्तान के भेजे गए ड्रोन को भी मार गिराया था जिसमें हथियार भेजे गए थे।