कश्मीर में जिहाद से किया इनकार तो ISI ने किया गायब, 20 साल से मां कर रही इंतजार

कश्मीर में जिहाद से किया इनकार तो ISI ने किया गायब, 20 साल से मां कर रही इंतजार

 

  • पीओके में पाक सेना और आईएसआई का आतंक जारी, आज भी लोगों को बना रही शिकार
  • कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए जबरदस्ती लोगों को किया जाता है भर्ती, इनकार करने पर हत्या
  • एक मां को 20 साल से अपने बेटे का इंतजार, कश्मीर में जिहाद से किया था इनकार

इस्लामाबाद
पीओके में पाकिस्तानी सेना और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई का अत्याचार अब भी जारी है। कश्मीर में जिहाद फैलाने की कोशिश में लगा पाकिस्तान पीओके के लोगों को जबरदस्ती आतंकी गुटों में शामिल कर रहा है। इससे इनकार करने पर लोगों को गायब कर दिया जाता है यहां तक की उनकी हत्या भी कर दी जाती है। हाल में ही सामने आई एक घटना ने पीओके में पाकिस्तानी अत्याचारों की पोल खोलकर रख दी है।

20 साल से मां को बेटे का इंतजार
पाक अधिकृत कश्मीर के हजेरा कस्बे के निवासी मोहम्मद खालिद ने आज से 20 साल पहले पाकिस्तान समर्थित जिहाद में शामिल होने से मना कर दिया था। जिसके बादआईएसआई ने उनका अपहरण कर लिया था। आज तक खालिद का कोई पता नहीं चल सका है कि वो जिंदा हैं या उनकी मौत हो गई है।

आईएसआई ने किया था अपहरण
खालिद की मां रशीदा बेगम ने बताया कि उनके बेटे का बीस साल पहले पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने अपहरण कर लिया था। मार्च 2000 में पाक सेना के सूबेदार फारूक और आईएसआई का एक आदमी मोहम्मद खालिद खान वल्द फैज अकबर खान निवासी ग्राम टेट्रिनोट, तहसील हजेरा, जिला पुंछ को देखने के लिए आए। पाक सेना के सूबेदार ने मोहम्मद खालिद खान की मां से कहा कि वे कोटली जा रहे हैं।

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मां ने कई नेताओं और अधिकारियों को लिखी चिठ्ठी
उन्होंने बताया कि उस दिन के बाद से मोहम्मद खालिद खान को किसी ने न देखा ना ही उनके बारे में कुछ सुना है। हालांकि खालिद की मां ने पाकिस्तान के कई सत्ताधारी नेताओं को चिठ्ठी लिखी और पीओके के नेताओं से भी अपील की। लेकिन उनके बेटे का कुछ पता नहीं चला।

खालिद ने जिहाद से किया था इनकार
बता दें कि कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय जगत की नजर में लाने के लिए पाकिस्तानी सेना और आईएसआई पीओके के लोगों को आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के लिए ट्रेनिंग देती है। खालिद को भी पाक सेना ने ट्रेनिंग में शामिल होने के लिए कहा गया लेकिन, उसने अपने पारिवारिक हालातों के कारण इससे इनकार कर दिया।

जिहाद से इनकार करने वाले माने जाते हैं बागी
पाकिस्तान में सेना और आईएसआई जिहाद में शामिल होने से इनकार करने वालों को बागी मानती है। इसके अलावा वे ऐसे लोगों को सख्त सजा देते हैं जिससे भविष्य में अन्य लोग इनकार न कर सकें। पाक सेना और आईएसआई को डर है कि ऐसे लोगों की संख्या बढ़ने से आतंक की फैक्ट्री बंद हो सकती है।

बगावत करने वालों को आईएसआई कर देती है खामोश
आईएसआई के आदेशों की खुलेआम अवहेलना करने वाले लोगों को धमकी, ब्लैकमेलिंग और झूठे आरोपों का सामना करना पड़ता है। जब ऐसे काम से भी बात नहीं बनती है तो उन्हें हमेशा के लिए चुप करा दिया जाता है। हालांकि खालिद की मां रशीदा बेगन में अपने बच्चे की वापसी के लिए पाकिस्तान के राष्ट्रपति, आईएसआई के डॉयरेक्टर, रक्षा मंत्री, सेनाध्यक्ष और पाकिस्तान के मुख्य सचिव को पत्र लिखा। जिसके बाद उसे आश्वासन दिया गया था कि उसका बेटा जल्द ही घर वापस आ जाएगा।

मां ने की हाईकोर्ट में अपील
जब इसके बाद भी बेटे का कुछ पता नहीं लगा तो मां ने हताशा में पाकिस्तानी हाईकोर्ट में अपील की। लेकिन, मामला आईएसआई से जुड़ा होने के कारण पाकिस्तानी कोर्ट भी कुछ नहीं कर सकी। आज 20 साल हो जाने के बाद भी मोहम्मद खालिद का कोई पता नहीं है।