“जांच अधिकारियों ने मुझे प्रताड़ित किया और पीएम मोदी समेत अन्य लोगों का नाम लेने के लिए मजबूर किया”, प्रज्ञा ठाकुर का बड़ा बयान

मुंबई: मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए अदालत द्वारा बरी की गईं पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा, “जांच अधिकारियों ने मुझे प्रताड़ित किया और मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई लोगों के नाम लेने को कहा।” यह पहली बार है जब ठाकुर ने यह सनसनीखेज दावा किया है, जिसका विशेष एनआईए अदालत के 1036 पन्नों के फैसले में कोई जिक्र नहीं है, जिसमें मामले के सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया गया था। प्रज्ञा ने कहा, “मुझे योगी आदित्यनाथ, मोहन भागवत, पीएम मोदी और अन्य का नाम लेने के लिए मजबूर किया गया और प्रताड़ित किया गया।”
कब दिया बयान?
दरअसल प्रज्ञा ठाकुर शनिवार को अपनी जमानत की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए सत्र अदालत में पेश हुईं थीं। इसी दौरान अदालत के बाहर उन्होंने पत्रकारों से बात की और दावा किया कि पूछताछ के दौरान उन्हें प्रताड़ित किया गया।
उल्लेखनीय है कि विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने अपने फैसले में ठाकुर के यातना और दुर्व्यवहार के दावों को खारिज कर दिया है।
ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, “उन्होंने (अधिकारियों ने) मुझे प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेने को कहा, क्योंकि उस समय मैं सूरत (गुजरात) में रह रही थी। भागवत (आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का स्पष्ट संदर्भ) जैसे कई नाम हैं, लेकिन मैंने किसी का नाम नहीं लिया क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलना चाहती थी।” उन्होंने दावा किया कि उन्होंने यह सब लिखित में दिया था।
उनका उद्देश्य मुझे प्रताड़ित करना था: ठाकुर
ठाकुर ने कहा, “उनका (अधिकारियों का) उद्देश्य मुझे प्रताड़ित करना था। उन्होंने (अधिकारियों) कहा कि अगर मैंने नाम नहीं लिए, तो वे मुझे प्रताड़ित करेंगे। इन नामों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सुदर्शन, इंद्रेश, राम जी माधव और कई अन्य शामिल हैं।”
पूर्व भाजपा सांसद ने ये आरोप भी लगाया कि उन्हें अस्पताल में भी अवैध रूप से हिरासत में रखा गया, जहां वह बेहोश हो गईं और उनके फेफड़े खराब हो गए। उन्होंने कहा कि वह अपनी कहानी लिख रही हैं, जिसमें वह इन सब बातों का जिक्र करेंगी और सच्चाई को सामने लाएंगी। उन्होंने ये भी कहा कि ये धर्म की जीत है, सनातन धर्म की जीत है, और हिंदुत्व की जीत है। उन्होंने कहा, “हम कोशिश करेंगे कि उन्हें सजा मिले।”