भारत-चीन के बीच 14 घंटे तक चली कमांडर लेवल बैठक, 5 मई के पहले की स्थिति बहाल करने पर जोर

भारत-चीन के बीच 14 घंटे तक चली कमांडर लेवल बैठक, 5 मई के पहले की स्थिति बहाल करने पर जोर

 

  • पूर्वी लद्दाख के चुशूल में भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत
  • 30 जून के बाद 14 जुलाई को फिर हुई बातचीत, एलएसी पर तनाव कम करने पर भारत का जोर
  • भारत की मांग- पैंगोंग त्सो (Pangong TSO) और डेपसॉन्ग के इलाकों में चरणबद्ध तरीके से जल्दी हो सैनिकों की वापस
  • राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी तनाव कम करने को लेकर चीन के विदेश मंत्री से कर चुके हैं लंबी बातचीत

लेह/श्रीनगर
पूर्वा लद्दाख (Eastern Ladakh) के तमाम हिस्सों में सैन्य तैनाती कम करने के मुद्दे पर भारत और चीन के कमांडरों के बीच मंगलवार को करीब 14 घंटे तक बातचीत हुई। इस बैठक में एलएसी (LAC in Ladakh) पर तनाव को कम करने और पैंगोंग त्सो (Pangong TSO) और डेपसॉन्ग के इलाकों में सैन्य मौजूदगी कम करने की रुपरेखा समेत कई मुद्दों पर गहन मंथन हुआ। पूर्वी लद्दाख के चुशूल (Chushul) में करीब 14 घंटे तक चली बैठक में दोनों देशों के कमांडरों के बीच लंबी बातचीत हुई, जिसमें भारत ने चीन से 5 मई से पहले ही स्थितियों को बहाल करने की मांग की।

भारत की ओर से इस बातचीत में सेना (Indian Army) की 14 कोर के कमांडर ले. जनरल हरिंदर सिंह शामिल हुए। बैठक में भारत ने चीनी सेना से एलएसी के दोनों तरफ मौजूद करीब 30 हजार सैनिकों के डि-एस्केलेशन प्रॉसेस का पूरा रोडमैप बनाने को लेकर भी मथन किया। इस प्लान में पूर्वी लद्दाख के इलाकों में दोनों ओर की सेनाओं की आर्टिलरी फोर्सेज, टैंक्स और अन्य भारी हथियारों को फिर से वापस ले जाने को लेकर बातचीत की गई।

चीनी सैनिकों का पीछे हटना शुरू
अंतरिम तौर पर भारत ने चीन से मांग की है कि वो पीपल्स लिब्रेशन आर्मी के जवानों को 8 किलोमीटर पीछे वापस फिंगर-8 के उस पार भेजे। चीन के सैनिकों ने अपने जवानों को फिंगर 4 से फिंगर-5 की ओर विस्थापित तो किया है, लेकिन अब तक इस इलाके में मौजूद रिज लाइन से सैन्य मौजूदगी खत्म नहीं की है।

भारत-चीन में फिर होगी बात, क्या मानेगा ड्रैगन?पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर गतिरोध खत्म करने के लिए मंगलवार को भारत और चीन के बीच फिर से कोर कमांडर स्तर की मीटिंग होगी। यह मीटिंग भारत की तरफ चुशूल में होगी। इससे पहले तीन बार कोर कमांडर स्तर की मीटिंग हो चुकी है।


अजीत डोवाल से भी हुई थी बातचीत

सैन्य सूत्रों ने बताया कि इस हाई लेवल बैठक में पैंगोंग और डेपसांग में सेना की वापसी के सेकंड फेज प्रोसेस को शुरू करने पर बल दिया गया। बता दें कि हाल ही में पूर्वी लद्दाख के तमाम इलाकों में सैन्य मौजूदगी कम करने को लेकर भारत के एनएसए अजीत डोवाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच लंबी बातचीत हुई थी। इस बातचीत में पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने पर पूरी सहमति बनी थी।

30 जून को भी हुई थी कमांडर लेवल की मीटिंग
अजीत डोवाल की बातचीत से पहले 30 जून को दोनों देशों के कमांडरों के बीच भी तनाव कम करने को लेकर चर्चा हुई थी, जिसमें चरणबद्ध तरीके वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थितियों के सामान्य करने को लेकर सहमति बनी थी।

मई से पहले की स्थिति बहाल करने पर जोर
बता दें कि पिछले महीने जिस गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी, वहां से दोनों सेनाएं पीछे हट चुकी हैं। हॉट स्प्रिंग्स इलाके में भी दोनों देशों ने अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे कर लिया है। डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया के तहत दोनों सेनाओं को LAC पर मई से पहले वाली स्थिति पर लौटना है।


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