शब-ए-बरात में रातभर बेवजह इधर उधर घूमना जायज नही: गोरा

शब-ए-बरात में रातभर बेवजह इधर उधर घूमना जायज नही: गोरा
  • इस खास रात में जितनी हो सके अल्लाह की इबादत करें, बिदअत करने से बचें

देवबंद [24CN] : जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक व प्रसिद्ध आलिम-ए-दीन कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि शब-ए-बरात में इबादत का कोई खास तरीका निर्धारित नहीं है। इस खास रात में जितनी हो सके इबादत करनी चाहिए।

शनिवार को कारी इस्हाक गोरा ने शब-ए-बरात की फजीलत बयान करते हुए कहा कि शब-ए-बरात में नफ्ली नमाज, कुरान की तिलावत, तसबीह, दूरूद शरीफ पूरी कसरत के साथ पढ़ना चाहिए। सुस्ती या नींद आने पर आराम करें।

पूरी रात जागकर गुजारने का एहतमाम जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि इबादत या तकरीर बयान की के लिए मस्जिदों में जमा होना सुन्नत के खिलाफ है। कब्रिस्तान में एक बार जाना और बुजुर्गों की कब्रों पर फातिहा पढ़ना मोहम्मद साहब से साबित होता है। इतना ही नहीं शब-ए-बरात में रात भर जागकर इबादत करने के बजाए घूमना फिरना, कब्रिस्तान के आसपास मेले जैसी माहौल बनाना तकरीर व लंबी लंबी मजलिसें लगाना शरई जायज नहीं है। लोगों को इससे बचना चाहिए।