गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ और जनरल बिपिन रावत : सीएम योगी ने कहा- बड़ा वह जो बाधाओं में भी अड़ा रहे

गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ और जनरल बिपिन रावत : सीएम योगी ने कहा- बड़ा वह जो बाधाओं में भी अड़ा रहे

गोरखपुर । महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्थापक सप्ताह समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि कोई व्यक्ति अचानक बड़ा नहीं होता। इसके लिए प्रयास करना होता है। जीवन में सफलता का राज आज के मुख्य अतिथि ने आपको बताया है। व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हो और सबको साथ लेकर चलने का भाव उसके मन में हो तो जीवन में सफलता अवश्य प्राप्त होती है।

अपने काम को परिस्थितियों के अनुकूल बनाएं, तभी मिलेगी सफलता

मुख्यमंत्री ने कहा कि रात में जनरल बिपिन रावत से चर्चा कर रहा था। मैंने पूछा कि देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे सैनिक उन दुर्गम क्षेत्रों में कैसे काम कर पाते हैं, जहां रुकना भी मुश्किल है। एक से दो दिन, चार दिन तक तो व्यक्ति घूम कर मौजमस्ती कर वापस आ जाते हैं, उन दुर्गम क्षेत्रों में हमारे जवान निरंतर कैसे तैनात रह पाते हैं। जनरल ने कहा कि यह तो आसान कार्य है। सैनिकों को उन पहाड़ों पर नई ऊर्जा मिलती है। यह उनका काम है, इसलिए वह रह रहे हैं। वह इस काम को अपने अनुकूल बनाते हैं। जब वह अपने काम को अनुकूल बना लेते हैं, तभी दुश्मन की छाती को भेदने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने दिनकर की कविता पढ़ी, वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ? जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया। यानी बाधाओं को चुनौती मानते हुए उसका डटकर मुकाबला करने वाला व्यक्ति ही जीवन में सफल होता है। इसका उदाहरण प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हमारे सामने है।

कोविड-19 में हमने नई कार्यपद्धति भी विकसित की

हमको इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोविड-19 ने हमारे सामने चुनौती जरूर प्रस्तुत की, लेकिन आपदा में हमने नई कार्यपद्धति भी विकसित की। इससे जीवन आसान हो गया। बच्चे ऑनलाइन क्लास में पढ़ रहे हैं। अब बच्चे पूछ रहे हैं कि हम स्कूल आना चाहते हैं, कब खुलेगा। जनरल साहब ने भी कहा कि बहुत सारी बातें हम क्लास में बैठकर ही समझ सकते हैं। हर चीज गूगल से संभव नहीं हो सकती है। कोविड-19 के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार अपने स्तर पर पूरा प्रयास कर रही है लेकिन सभी को समझना होगा कि जागरूकता ही बचाव है। आने वाले समय में वैक्सीनेशन भी हो, इसकी भी तैयारी है लेकिन जब कोई वायरस एक बार आ जाता है, तो वह लंबे समय तक रहता है। ऐसे में बचाव का रास्ता जनता को सतर्कता से निकालना होगा। सतर्कता का रास्ता सभी के लिए महत्वपूर्ण है।

इंसेफलाइटिस को काबू में किया

पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफलाइटिस जैसी महामारी के खिलाफ एक लड़ाई लड़ी गई है। इसका नतीजा रहा कि इस पर काबू पाया। 2017 के पहले जुलाई से सितंबर के बीच में हजारों मौत हो जाती थी। लेकिन पिछले तीन वर्षों के दौरान इस पर काबू पाया गया।  सरकार के प्रयासों से मौत के आंकड़ों को नियंत्रित करने में सफलता मिली। सावधानी और जागरूकता बरतने से कोरोना से भी जीत सकते हैं। प्रदेश सरकार जगह-जगह पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम लगा रही है, जो हर व्यक्ति को दो  गज दूरी का पालन और मास्क जरूरी को लेकर निरंतर जागरूक कर रहा है। पूरी दुनिया कोरोना वायरस से पीड़ित है। सभी प्रयचास कर रहे हैं। भारत भी सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ रहा है और अपने नागरिकों को सुरक्षित रख रहा है। कोरोना को परास्त करने के लिए पूरी तत्परता के साथ लगा हुआ है। इस वर्ष देश ने अनेक उपलब्धियां हासिल की। हमारी सेना देश की सीमाओं की रक्षा पूरी मजबूती के साथ कर रही हैं। सेना जिस मजबूती के साथ भारत के गौरव को आगे बढ़ाने का काम कर रही है, वह अमूल्य है।

देश उन्नति का मंत्र है ईमानदारी व वफादारी से कर्तव्य पालन : जनरल बिपिन रावत

समारोह के मुख्य अतिथि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि आप विद्यार्थी हमारे देश का भविष्य हैं। हमारा देश कैसे उन्नति करेगा, यह आपकी कार्यशैली निर्भर करता है। आप लोग जितनी लगन और मेहनत से ईमानदारी और वफादारी के साथ कर्तव्य पालन करेंगे, हमारा देश उतनी उन्नति करेगा। इसीलिए हमारे देश का भविष्य आप सभी के हाथों में है। हमें अपनी सोच भी ऊपर रखनी चाहिए। अगर आप तारों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे तो चांद पर पहुंच पाएंगे। यह सब करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। इस कड़ी मेहनत के बाद आपको सफलता मिलेगी तो उसका स्वाद बिल्कुल अलग होगा। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि अगर आप को अपनी दिनचर्या में किसी मुश्किल हालात का सामना नही करना पड़ रहा है तो आप गलत रास्ते पर जा रहे हैं। क्योंकि जब हम आगे बढ़ते हैं तो राह में मुश्किलें भी आती हैं। हमें इससे निराश होने की जरूरत नही है। इन्हीं के साथ आगे बढ़ना होगा।

अपनी ताकत पहचानें

उन्‍होंने कहा कि आप अपनी ताकत की पहचान करें। हम सभी में गुण और अवगुण होते हैं। हमें अपने-अपने गुणों को आगे बढ़ाना है, अपने अवगुणों को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ना है। इस कोशिश में मुश्किल आएगी। कई बार असफलता भी मिलेगी लेकिन इससे निराश न हों। जनरल ने इसे काव्यात्मक अंदाज में कहा, असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो तुम, कहां खामियां रह गई इस पर विचार करो तुम, लगन के साथ आगे बढ़े चलो तुम, हर नई शिखर पर परचम लहराए चलो तुम। उन्होंने कहाकि जब आप आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे असफलता का भी सामना करना पड़ेगा लेकिन उससे सीख लेंगे तो वह आपको नई ऊंचाई पर ले जाएगी। हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि अगर आप सूरज जैसी चमक चाहते हैं तो उसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। कड़ा परिश्रम करके पसीना बहाना होगा, तभी आपको सफलता मिलेगी और आप सूर्य की तरह चमकेंगे। एक बात का और ध्यान रखें, गलत और सही के बीच में अंतर को पहचनानना सीखें। जब हम स्कूल में होते हैं, तो खिलाड़ियों या  अन्य व्यक्तियों को देखकर उनकी तरह बनने की कोशिश करते है। लेकिन यह तय करने से पहले हमें उनके अच्छे और बुरे कर्म के बारे में भी जानना चाहिए।

टीम वर्क का ध्यान रखेंगे, हमेशा सफल होंगे

उन्‍होंने कहा कि टीम वर्क का ध्यान रखेंगे, हमेशा सफल होंगे। इसके लिए हमें मैं से हम की तरफ बढ़ना होगा। जब जीवन में हम आ जाएगा, आप सफल होंगे। सीडीएस ने शिक्षकों से भी कहा कि विद्यार्थियों की सफलता और मार्गदर्शन में आपका बहुत बड़ा योगदान होता है। कोई भी किसी भी दर्जे पर पहुंच जाए, वह अपने अध्यापकों की बदौलत ही उसे हासिल करता है। अतः आप विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करें। पूर्व राष्ट्रपति राधाकृष्णन कहते थे कि जो अपने विद्यार्थियों को सही दिशा में चलने का निर्देश देता है, समय-समय पर चलने का आदेश देता है, वही सच्चा अध्यापक होता है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पदाधिकारियों का आभार जताया कि उन्हें यहां बुलाया गया। कहा, परिषद द्वारा चलाई गई संस्थाओं के विद्यार्थी अगर मेहनत और लगन के साथ काम करेंगे तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी। आपकी सफलता पर भारत देश की सफलता निर्भर है, इसलिए आप जो भी करें, सच्चे दिल, ईमानदारी और वफादारी से करें।

साहित्य, कला, संस्कृति से विहीन पुरुष पूंछहीन पशु के समान : उप मुख्यमंत्री

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में शामिल होने का मुझे अवसर मिला यह मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। उत्तर प्रदेश की राजनीति और धार्मिक क्षेत्र में गोरखपुर ने समय-समय पर करवट लिया है। इसके विकास में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ और ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ का विशेष योगदान रहा है। देश की गरिमा के लिए मुगलों से लड़कर अपने प्राणों की आहुति देने वाले महाराणा प्रताप सबके मन मस्तिष्क में आज भी विद्यमान हैं। आजादी में ही जियेंगे और आजादी में ही दुश्मनों से मोर्चा लेंगे यह उनका मूल मंत्र था। गोरखनाथ की 22 वीं सदी के महंत दिग्विजय नाथ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय समेत तमाम कालेजों की स्थापना कराई। साहित्य, कला, संस्कृति से विहीन पुरुष बगैर पूंछ वाले पशु के समान है।


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