मतदाताओं पर नहीं चला इमरान मसूद का जादू, दलित-मुस्लिम समीकरण हुआ फेल

सहारनपुर। जनपद सहारनपुर में सम्पन्न हुए निकाय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संयोजक व पूर्व विधायक इमरान मसूद को मतदाताओं ने सिरे से नकार दिया। सहारनपुर नगर निगम में एक ओर जहां उनकी समधिन व बसपा प्रत्याशी श्रीमती खदीजा मसूद को लगभग 8 हजार मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

वहीं गंगोह व रामपुर मनिहारान को छोड़कर जनपद के सभी निकायों में बसपा प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बोटी-बोटी करने सम्बंधी बयान देकर चर्चाओं में आए मुजफ्फराबाद विधानसभा सीट के पूर्व विधायक इमरान मसूद ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की करारी हार के बाद दलित मुस्लिम समीकरण फार्मूले को अपनाते हुए बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती के समक्ष बसपा का दामन थाम लिया था तथा दावा किया कि अब दलित मुस्लिम समीकरण के चलते बहुजन समाज पार्टी एक नया इतिहास रचने का काम करेगी।

सहारनपुर नगर निगम के महापौर पद की सीट पहले सामान्य श्रेणी में रहने के चलते पूर्व विधायक इमरान मसूद ने अपनी धर्मपत्नी सायमा मसूद को बसपा प्रत्याशी घोषित करा दिया था परंतु बाद में न्यायालय के आदेश पर नए सिरे से पिछड़ों की गणना के बाद घोषित किए आरक्षण में सहारनपुर नगर निगम के महापौर की सीट पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में आरक्षित की गई थी जिस कारण पूर्व विधायक इमरान मसूद ने अपने चचेरे भाई शाजान मसूद की पत्नी के पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने के चलते उन्हें बसपा का अधिकृत प्रत्याशी घोषित करा दिया था। नगरीय निकाय चुनाव के दौरान पूर्व विधायक इमरान मसूद द्वारा दलित मुस्लिम फार्मूले के तहत अपनी भाभी व समधिन श्रीमती खदीजा मसूद की जीत को निश्चित बताया जा रहा है परंतु मतदान के दिन उन्होंने जिला प्रशासन पर मतदाताओं को मतदान करने से रोकने के आरोप लगाते हुए भावुक अपील भी की थी परंतु वह भी बेअसर रही।

आज घोषित किए गए चुनाव परिणाम में सहारनपुर नगर निगम की सीट पर भाजपा प्रत्याशी डा. अजय कुमार सिंह ने 1 लाख 54 हजार 753 मत हासिल कर अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी श्रीमती खदीजा मसूद को 7972 मतों के अंतर से पराजित कर दिया। जबकि बसपा प्रत्याशी खदीजा मसूद को 1 लाख 46 हजार 781 मतों से संतोष करना पड़ा। इसी तरह जनपद के बेहट, छुटमलपुर, तीतरों, अम्बेहटा पीर, नानौता नगर पंचायत के अलावा नकुड़, सरसावा व देवबंद नगर पालिका परिषदों में बसपा प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा।

जबकि गंगोह में बसपा प्रत्याशी शाजिया ने जीत हासिल कर किसी तरह बसपा की इज्जत बचाने का काम किया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक व पूर्व विधायक इमरान मसूद के अति आत्मविश्वास तथा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नूर हसन मलिक को मिले उनके सजातीय मतों के चलते इमरान मसूद अपनी भाभी खदीजा मसूद की टोपी में पंख लगाने में नाकामयाब रहे।