अगर शिंदे ‘अड़े’ रहते तो BJP ने उनके बिना शपथ ग्रहण की योजना बना ली थी, संजय राउत का दावा

अगर शिंदे ‘अड़े’ रहते तो BJP ने उनके बिना शपथ ग्रहण की योजना बना ली थी, संजय राउत का दावा

मुंबई: शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को दावा किया कि एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेनी पड़ी, क्योंकि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने योजना बनाई थी कि अगर वह ‘अड़े’ रहते हैं तो नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को उनके बिना आगे बढ़ाया जाएगा। राउत ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि महायुति को भारी बहुमत मिलने के बावजूद राज्य सरकार के पास अब तक पूर्ण मंत्रिमंडल नहीं होना यह दर्शाता है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भारी जनादेश के बावजूद भाजपा को सरकार बनाने में 15 दिन लग गए।

राउत ने दावा किया, एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी पड़ी। बीजेपी ने एकनाथ शिंदे के बिना ही शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की योजना बनाई थी। अगर उन्होंने बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए अड़ियल रवैया अपनाया होता, तो पार्टी के शीर्ष नेताओं ने (राज्य नेतृत्व को) उनके बिना ही शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने के लिए सूचित कर दिया था।

पहले डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने को तैयार नहीं थे शिंदे- राउत

बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार शाम मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित भव्य समारोह में तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री और NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। शिंदे पहले डिप्टी सीएम के तौर पर काम करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन बीजेपी और उनकी पार्टी के विधायकों के आग्रह के बाद वे इसमें शामिल हो गए। उन्होंने इस बात पर चुप्पी बनाए रखी थी कि वे नई सरकार का हिस्सा होंगे या नहीं। शपथ ग्रहण समारोह से कुछ घंटे पहले ही शिवसेना के एक विधायक ने पुष्टि की कि शिंदे उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।

‘शपथ के दौरान चेहरे पर खुशी नहीं दिखी’

राउत ने आरोप लगाया कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर राज्य में ‘‘बदले की राजनीति’’ में शामिल है। शिंदे पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए राउत ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कुछ चेहरों पर खुशी नहीं दिखी। उन्होंने कहा, जब 2019 में उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब भी यही चेहरे उदास थे।


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