‘मैं बचपन से साध्वी हूं और आगे भी रहूंगी…’, Mamta Kulkarni ने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर पद से दिया इस्तीफा
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इस्तीफा देते हुए कही ये बात
मैं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के पद से इस्तीफा दे रही हूं। मैं बचपन से ही साध्वी रही हूं और आगे भी रहूंगी।
ममता कुलकर्णी बोलीं- विवाद खत्म करना चाहती हूं
ममता ने आगे कहा कि महामंडलेश्वर का पद मुझे केवल सम्मान के रूप में दिया गया था। मैं इस्तीफा इसलिए दे रही हूं ताकि इसको लेकर विवाद खत्म हो। उन्होंने आगे कहा कि मैं शुरू से साधवी रही हूं और आगे भी रहूंगी और अखाड़ों को गलत बोलना सही नहीं है।
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उन्होंने कहा कि मैंने ये देखा कि मेरे महामंडलेश्वर बनने से कई लोगों को दुख था और वो एक दूसरे से झगड़ रहे हैं, यही कारण है कि मैं इस्तीफा दे रही हूं।
किन्नर अखाड़े ने दी थी महामंडलेश्वर की उपाधि
आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने दी थी दीक्षा
किन्नर अखाड़े के आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें दीक्षा दी थी। पट्टाभिषेक के बाद ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दी गई और उनको नया नाम श्री यामाई ममता नंद गिरि दिया गया। इसके पहले उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें में उन्होंने बताया कि साध्वी बनने के बाद वे संगम, काशी और अयोध्या की यात्रा करेंगी।