इंसान को लेकर उड़ने वाला ड्रोन होगा गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल

इंसान को लेकर उड़ने वाला ड्रोन होगा गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल

New Delhi : डिफेंस के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. एक वक्त था जब हम मिसाइल्स और हथियारों के लिए रूस और फ्रांस जैसे देशों पर निर्भर थे, लेकिन आज हमारे अपने देश में बड़े-बड़े युद्धपोत और पनडुब्बियां बन रही हैं. वहीं, अब देश के युवा भी स्टार्टअप (Startups) के जरिये ऐसे-ऐसे आधुनिक हथियार और ड्रोन तैयार कर रहे हैं, जिसकी कल्पना पहले किसी ने नहीं की थी, लेकिन अब इसे मुमकिन कर दिखाया है सागर डिफेंस इंजीनियरिंग (Sagar Defence Engineering) ने जो DRDO के साथ मिलकर रक्षा क्षेत्र में तेज़ी से काम कर रहा है.

सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है, जिसमें इंसान बैठकर उड़ सकता है. इस ड्रोन का नाम ‘वरुणा’ है, आने वाले 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर इस ड्रोन की ताकत को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाले परेड में दिखाया जाएगा. इस ड्रोन की खास बात ये है कि ड्रोन इंसान को लेकर उड़ने वाला पहला भारती ड्रोन है, जिसमें किसी पायलट या एक्सपर्ट के होने की जरूरत नहीं होती. इस ड्रोन का ट्रायल 18 जुलाई 2022 को नई दिल्ली में हुआ था और इस ट्रायल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.

वरुणा ड्रोन को देखकर प्रभावित हुए थे प्रधानमंत्री

पिछले साल 18 जुलाई को जब प्रधानमंत्री दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में नौसेना नवाचार और स्वदेशीकरण संगठन यानी Naval Innovation and Indigenisation Organisation (NIIO) के सेमिनार में हिस्सा लेने पहुंचे थे, उसी दौरान उन्हें ‘वरुणा’ नाम के इस खास ड्रोन के बारे में जानकारी दी गई थी. प्रधानमंत्री ने ड्रोन का डेमो देखने की इच्छा जताई थी और फिर पीएम के सामने ड्रोन का डेमो हुआ और डेमो के दौरान ये ड्रोन करीब 2 मीटर ऊंचाई तक ऊपर उड़ा और लैंड होने से पहले हवा में आगे पीछे हुआ. इस अनोखे ड्रोन की खासियत देखकर प्रधानमंत्री काफी प्रभावित हुए थे.

महाराष्ट्र के स्टार्टअप कंपनी ने ‘वरुणा’ ड्रोन को बनाया

इस ड्रोन को महाराष्ट्र के पुणे में मौजूद एक स्टार्टअप कंपनी ने तैयार किया है. इस स्टार्टअप का नाम सागर डिफेंस इंजीनियरिंग है, जो DRDO के साथ मिलकर भारतीय नौसेना के लिए ‘वरुणा’ जैसे आधुनिक और ताकतवर ड्रोन तैयार कर रही है. सागर डिफेंस इंजीनियरिंग के सीईओ निकुंज पराशर ने न्यूज़ नेशन से खास बातचीत कर बताया कि वरुणा ड्रोन को इस तरह से तैयार किया गया है कि ये ड्रोन किसी भी व्यक्ति को लेकर एक जगह से दूसरे जगह पहुंच सकती है. वरुणा ड्रोन की खास बात ये भी है कि ये समुंदर में चल रहे नौसेना के युद्धपोत पर लैंडिंग या टेकऑफ कर सकती है. इस ड्रोन को नेवल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एक्सिलेरेशन सेल के साथ विकसित किया जा रहा है.

क्या है ‘वरुणा’ ड्रोन की ताकत ?

वरुणा भारत में तैयार हुआ पहला पैसेंजर ड्रोन है. ये ड्रोन करीब 130 किलो वजन के साथ 25 किलोमीटर तक उड़ान भर सकती है. एक बार उड़ान भरने के बाद ये ड्रोन 25 से 33 मिनट तक हवा में रह सकती है. वरुणा का इस्तेमाल नौसेना के लिए आपातकाल में किया जा सकता है. इस ड्रोन की मदद से इंसान के साथ साथ किसी भी भारी वजन वाले हथियार या खाने पीने की चीज़ों को भी ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है. वरुणा जैसे ड्रोन ना सिर्फ ‘मेक इन इंडिया’ का सबसे अनोखा उदाहरण है, बल्कि ये भारत के आधुनिक भविष्य का भी आगाज है.

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