भारतीय मूल के स्कालर बदरखान सूरी की अमेरिका मे गिरफतारी से नकुड मे उनका परिवार परेशान
- पिता शमशाद खान को विश्वास बदर किसी गैरकानूनी गतिविधि मे शामिल नहीं
नकुड 21 मार्च इंद्रेश। हमास के लिये काम करने के आरोप में अमेरिका मे गिरफतार भारतीय स्कोलर बदर खान सूरी की गिरफतारी से नकुड मे उनके परिवार में बेचैनी का आलम है। बदर अमेरिका की जार्जटाउन युनिवर्सिटी में पोस्ट डाक्टेरल फेलो है। वे युनिवर्सिटी में लेक्चरर भी है।
अमेरिकन पुलिस ने बदर को उस समय गिरफतार किया जब वे क्लास लेने के बाद अपने घर वापस आ रहे थे। बदरखान को इराक व अफगानिस्तान मे शांति निर्माण मे अपने डाक्ेटरेट रिसर्च को जारी रखने के लिये अमेरिका ने वीजा दिया था। बताया जाता है कि बदर को नकाब पहने हुए पुलिस के ऐजेटस ने सेामवार को उनके घर के पास से ही गिरफतार किया था। फिलिस्तीनी आंतकवादी संगठन हमास के लिये काम करने का आरोप लगाया गया है।
बदर खान के पिता शमशाद खान पूर्व पालिका सभासद है। उन्होंने बताया कि उनके बेटे का एकमात्र गुनाह यह है कि उनकी पत्नी फिलिस्तीनी मूल की है। बदर के दो बेटे व एक बेटी है जो अपनी मां के साथ अमेरिका मे रहते है। शमशाद खान ने बताया कि बदर खान पर फिलिस्तीनी संगठन हमास के लिये काम करने के आरोप झूठे है। उसे भारत डिपोर्ट नहंी किया जायेगा। अमेरिका मे उसके उनके बेटे के लिये जबरदस्त आवाज उठ रही है। फिलहाल अमेरिकन अदालत ने उनके निर्वासन पर रोक लगा दी है जिससे अमेरिकन प्रशासन को गहरा झटका लगा हैं । उन्हें लूसियाना के आवर्जन निरोध केंद्र मे रखा गया है।
कोन है बदरखान सूरी
भारतीय मूल के बदरखान सूरी नकुड के मौहल्ला बंजारान निवासी शमशाद खान के बेटे हैं उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा जामिया मिलिया युनिर्वसीटी दिल्ली से पूरी की है। 2020 मे पीएचडी करने के बाद वे पोस्ट डाक्टरेल शिक्षा के लिये अमेरिका गये थे। उनकी पत्नी मफज हमास के बडे नेता युसुफ अहमद की बेटी बतायी जाती है। युसुफ इस्माईल हानिया के सलाहकार भी रहे है। मफज सोलेह भी अब अमेरिकन नागरिक है। जो जार्ज टाउन युनिवर्सीटी में समकालीन अरब अध्ययन केंद्र की प्रथम वर्ष की छात्रा है।
बदर के पिता परेशान है परंतु चिंतित नंहीं
बदरखान की गिरफतारी से उनका परिवार परेशान तो है। पंरतु उनके पिता शमशाद खान को विश्वास है कि उनका बेटा किसी अवैध काम मे शामिल नहंी हो सकता । उस पर यहुदी विरोधी भावनाए बढाने व हमास के बडे नेता से संपर्क होने के लगाये गये आरोप निराधार है। यही कारण है कि वहंा की युनिर्वसीटी जिसमे बदर काम कर रहे है तथा मिडिया पूरी तरह से बदर को सुर्पोट कर रहे है।
गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय मूल की छात्रा रंजनी श्रीनिवासन पर भी अमेरिका ने इसी तरह के आरोप लगाये थे। जो अमेरिका छोडकर कनाडा चली गयी थी। बदर खान के वकील हसन अहमद के अनुसार उनकी रिहायी के लिये अदालत मे याचिका लगाई गयी है। उनका कहना है कि बदर की गिरफतारी का असल कारण उनकी पत्नी का फिलितीनी मूल का होना हैं ।