पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली खां के भाई की संपत्ति को लेकर कोर्ट का बड़ा फैसला

पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली खां के भाई की संपत्ति को लेकर कोर्ट का बड़ा फैसला

पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली खां और उनके परिवार की जमीन को लेकर एसडीएम ने बड़ा निर्णय सुनाया है।

पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली खां और उनके परिवार की जमीन को लेकर चले आ रहे विवाद पर एसडीएम दीपक कुमार ने निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने शमशाद अली खां के नाम की गई फर्जी प्रविष्टि को निरस्त कर संपत्ति को निष्क्रांत संपत्ति दर्ज करने का आदेश किया है।

शमशाद अली खां के नाम दर्ज जमीन को अब सरकारी संपत्ति माना जाएगा। एसडीएम ने अपना निर्णय हरियाणा एवं पंजाब हाईकोर्ट के आदेश को आधार मानते हुए सुनाया है।

जिले के मूल निवासी रहे पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली खां के परिवार के नाम कागजों में अभी तक संपत्ति चली आ रही थी। लियाकत अली अपने तीनों भाइयों और चाचा उमरदराज अली खां के पांचों बेटों सहित बंटवारे के समय पाकिस्तान चले गए थे।

शहर के खालापार में रहने वाले स्वर्गीय जमशेद अली खां ने यह दावा किया था कि उनके पिता एजाज अली खां और चाचा शमशाद अली खां पाकिस्तान से वापस आ गए थे, उन दोनों के हिस्से की शहर में लगभग 455 बीघा जमीन उन्हें दी जाए। आजादी के बाद से ही यह मुकदमा चल रहा था और रिकॉर्ड में भी जमीन शमशाद अली खां और एजाज अली खां के नाम दर्ज कर दी गई। ये दोनों लियाकत अली खां के चाचा के लड़के थे।

करनाल में इसी तरह का विवाद जमीन को लेकर चला, जिसमें चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया था कि एजाज अली खां अपनी पत्नी के साथ पाकिस्तान चले गए थे, जमशेद अली खां का दावा निरस्त किया जाता है। चंडीगढ़ कोर्ट के निर्णय को आधार मानते हुए एसडीएम एवं अतिरिक्त न्यायालय के न्यायाधीश दीपक कुमार ने आदेश दिया कि नामांतरण बही 1356 फसली के खेवट संख्या 1/1 एवं महाल उमरदराज अली खां मौजा मुजफ्फरनगर में मृतक शमशाद अली खां निवासी पाकिस्तान के स्थान पर की गई फर्जी प्रविष्टि को निरस्त करते हुए शमशाद अली खां पुत्र उमरदराज अली खां के हिस्से की भूमि का 1/5 भाग को निष्क्रांत सम्पत्ति दर्ज की जाती है। इस आदेश से एजाज अली खां और उनके बच्चों के नाम दर्ज की गई शमशाद अली खां के हिस्से की भूमि पर सरकार का आधिपत्य हो जाएगा। सरकार की तरफ से केस की पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता तरुण गोयल का कहना है कि शमशाद अली खां के हिस्से को गलत तरीके से रिकॉर्ड में दर्ज किया गया था। न्यायालय ने उसे निरस्त कर जमीन को निष्क्रांत घोषित कर दिया है।


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