श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया गुरू तेग बहादुर जी का शहीदी पर्व
- गुरवाणी कीर्तन करता रागी जत्था।
देवबंद: हिंद की चादर साहिब श्री गुरू तेग बहादुर जी का शहीदी पर्व श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया। संगत ने गुरू जी व शिष्यों का शहीदी इतिहास श्रवण कर उन्हें नमन किया।
सोमवार की रात गुरूद्वारा श्री गुरूनानक सभा में आयोजित कार्यक्रम में संगत को सम्बोधित करते हुए हजूरी रागी भाई गुरदयाल सिंह ने कहा कि मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा हिंदुओं को जबरन मुस्लमान बनाया जा रहा था तब कश्मीरी पंडितों का एक जत्था गुरू तेग बहादुर जी के पास पहुंचा और उनसे अपने धर्म की रक्षा की अपील की। गुरू जी ने कहा कि औरंगजेब से कह दो कि उसने यदि गुरू तेग बहादुर को मुस्लमान बना लो तो हम सब मुसलमान बन जाएंगे। औरंगजेब ने गुरू तेग बहादुर जी को कैद कर लिया।
गुरू जी को डराने के लिए पहले उनके साथ आए शिष्यों भाई दयाला जी को देग में उबाल कर शहीद किया गया फिर भाई मतिदास को जिंदा आरे से चीरकर शहीद किया गया। फिर भाई सति दास को रूई में लपेटकर उसमें आग लगाकर शहीद किया गया। गुरू जी के न मानने पर दिल्ली के चांदनी चैक पर उनके सिर को धड़ से अलग कर शहीद किया गया। उस स्थान पर आज गुरूद्वारा शीशगंज साहिब सुशोभित है। हजूरी रागी भाई बिंदर सिंह (सहारनपुर) ने गुरवाणी का गयान कर संगत को निहाल किया। कीर्तन उपरांत गुरू का अतूट लंगर बरताया गया।
इस दौरान सेठ कुलदीप कुमार, गुरजोत सिंह सेठी, चंद्रदीप सिंह, बलदीप सिंह, सतीश गिरधर, राजेश अनेजा, सचिन छाबड़ा, श्याम लाल अरोड़ा, हर्ष भारती, हर्षप्रीत मनचंदा, हर्ष बतरा, चन्नी बेदी, अमृत सिंह कपूर, बिट्टू कपूर, तनिष्क अरोड़ा, विजय गांधी, अजय खुराना आदि मौजूद थे।