गुजरात HC ने 6 महीने की गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता को दी गर्भपात की अनुमति, डॉक्टर्स भी रह गए हैरान

अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने सोमवार को सामान्य से कम बुद्धि वाली और 70 प्रतिशत स्थायी शारीरिक अक्षमता वाली एक 23 वर्षीय दुष्कर्म पीडि़ता को गर्भपात की अनुमति दे दी। वह 26 सप्ताह की गर्भवती है।जस्टिस समीर दवे की अदालत ने सूरत अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक की रिपोर्ट और चार डाक्टरों के पैनल की राय पर संज्ञान लिया और कहा कि गर्भपात के दौरान उचित सतर्कता और एहतियात बरती जाए।
डाक्टरों के पैनल की राय थी कि गर्भावस्था जारी रहने से महिला के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है इसलिए उसका गर्भपात करना व्यवहारिक होगा। महिला ने वकील के जरिये हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जसमें गर्भपात की अनुमति मांगी गई थी।
अदालत ने कहा कि मेडिकल साक्ष्यों के साथ-साथ मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (संशोधन) अधिनियम 2021 और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा बनाए गए दिशानिर्देशों पर विचार करने के बाद याचिकाकर्ता को गर्भपात की अनुमति देना न्यायसंगत, कानूनी और उचित होगा।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि निश्चित रूप से गर्भावस्था की चिकित्सा समाप्ति के संबंध में एक निर्देश प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है। डॉक्टरों के पैनल ने 29 अप्रैल 2023 की एक रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा कि रोगी के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। लेकिन गर्भावस्था की चिकित्सा समाप्ति करना संभव है।