95 लाख डेयरी किसानों को सरकार का तोहफा, फसल बीमा पर भी बढ़ाई राहत
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को किसानों पर सौगातों की बारिश कर दी। सरकार ने डेयरी उद्योग से जुड़े किसानों और पशुपालकों की मदद के लिए 4,558 करोड़ रुपये देने का फैसला किया। साथ फसल बीमा को ऐच्छिक बनाकर किसानों को बड़ी राहत दी। कैबिनेट ने पशुपालकों को दी जा रही ब्याज सहायता में इजाफा किया है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि डेयरी उद्योग के प्रोत्साहन के लिए मिलने वाली 4,558 करोड़ रुपये की योजना से श्वेत क्रांति को अगले चरण तक ले जाने में मदद मिलेगी। इस योजना से प्रत्यक्ष तौर पर 95 लाख किसानों को फायदा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने किसानों को और लाभ देने के लिए ब्याज सहायता योजना का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत अभी तक जहां 2 फीसदी ब्याज का लाभ मिलता है, आगे से किसानों को 2.5 फीसदी ब्याज का लाभ दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी 1 फरवरी को पेश बजट में दुग्ध उत्पादकों को विशेष सहायता दिए जाने का प्रावधान किया था।
अब किसान ले सकेंगे फसल बीमा पर फैसला
कैबिनेट ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए चार साल बाद फसल बीमा योजना में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के साथ अब कृषि ऋण लेने वाले किसान तय कर सकेंगे कि उन्हें फसल बीमा चाहिए या नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी, 2016 में जब फसल बीमा योजना को लागू किया था, तब कर्ज लेने वाले सभी किसानों के लिए इसे अनिवार्य बनाया गया था। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, वर्तमान में 58 फीसदी किसानों ने कर्ज ले रखा है। इस तरह बैंक उन पर फसल बीमा लेने के लिए दबाव बनाते हैं।
किसानों की असुविधा को देखते हुए इसे वैकल्पिक कर दिया गया है। अब कर्ज लेने वाले किसान ही तय करेंगे कि उन्हें बीमा की जरूरत है या नहीं। तोमर ने कहा कि फसल बीमा के तहत करीब 30 फीसदी कृषि क्षेत्र को कवर किया गया। योजना में अभी तक 13 हजार करोड़ रुपये का प्रीमियम मिला है, जबकि 60 हजार करोड़ रुपये के बीमा दावे का भुगतान किया गया।
तकनीक खरीद पर सुझाव देगा अधिकार संपन्न समूह
जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अधिकार संपन्न प्रौद्योगिकी समूह के गठन को भी मंजूरी दे दी है। यह समूह विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, सरकारी उपक्रमों को तकनीक के उपयोग और खरीद आदि के बारे में सुझाव देगा। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में गठित एक समिति की सिफारिशों के आधार पर इस प्रौद्योगिकी समूह के गठन को मंजूरी दी गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ऐसा पाया गया है कि तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है और देश में नई-नई तकनीक आ भी रही है, लेकिन एक स्थान पर नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि यह तकनीक आधुनिक और समय के अनुकूल है या नहीं। अगर किसी को तकनीक हासिल करनी है, तो उसे कहां से लिया जाए, इस विषय पर ही यह समूह सलाह देगा।
Content retrieved from: https://www.amarujala.com/india-news/government-gift-to-95-lakh-dairy-farmers-increased-relief-on-crop-insurance.