Ganesh Chaturthi 2021: आज गणेश चतुर्थी पर इस मुहूर्त में करें गणपति स्थापना, जानें पूरी विधि
- Ganesh Chaturthi 2021 भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जाता है। आप भी अपने घर पर गणपति बप्पा की स्थापना करना चाहते हैं तो हम आपको मूर्ति स्थापना मुहूर्त एवं पूरी विधि के बारे में बताते हैं।
Ganesh Chaturthi 2021: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी की धूम खासकर महाराष्ट्र में देखने को मिलता है, लेकिन अब देश के कई हिस्सों में भी लोग गणेश चतुर्थी मनाने लगे हैं और अपने घर पर गणपति की स्थापना करने लगे हैं। इस वर्ष गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 सितंबर दिन शुक्रवार से शुरु हो रहा है। आप भी अपने घर पर गणपति बप्पा की स्थापना करना चाहते हैं तो हम आपको मूर्ति स्थापना की मुहूर्त एवं पूरी विधि के बारे में बताते हैं।
गणेश चतुर्थी 2021 तिथि
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का प्रारंभ आज रात 12 बजकर 18 मिनट पर हो रहा है। इसका समापन 10 सितंबर दिन शुक्रवार को रात 09 बजकर 57 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को मनाई जाएगी।
गणेश चतुर्थी 2021 मूर्ति स्थापना मुहूर्त
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह 06:04 बजे से दोपहर 12:58 बजे तक रवि योग है। ब्रह्म योग भी शाम 05:43 बजे तक है। रवि योग में गणेश चतुर्थी का प्रारंभ हो रहा है, वहीं गणेश चतुर्थी पूजा का मुहूर्त दिन में 11:03 बजे से दोपहर 01:33 बजे तक है। ऐसे में आप गणपति स्थापना पूजा मुहूर्त में कर लें। या फिर इस दिन राहुकाल 10:44 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक है, इस समय को छोड़कर प्रात:काल से लेकर राहुकाल के प्रारंभ से पूर्व कर लें।
गणपति स्थापना विधि
गणेश चतुर्थी पूजा के लिए आप मिट्टी से बनी गणपति प्रतिमा का चयन करें। यह पर्यावरण के अनुकूल रहेगी। गणपति को गाजे बाजे के साथ अपने घर लाएं। एक चौकी पर पीले वस्त्र का आसन लगाकर गणपति को स्थापित करें।
अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च।
श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।।
इस मंत्र से मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करें।
अब गंगाजल और पंचामृत से गणेश जी का अभिषेक करें। उनको वस्त्र अर्पित करें। फिर चंदन, धूप, दीप, पुष्प, सिंदूर, जनेऊ, मोदक, फल आदि चढ़ाएंं। उसके बाद आरती करें। आप जितने दिन के लिए गणपति को अपने यहां रखना चाहते हैं, उतने दिन उनकी विधि विधान से सुबह और शाम की पूजा करें।