नासा के पूर्व वैज्ञानिक प्रो. आरसी त्यागी का निधन, प्रधानमंत्री के बुलावे पर वापस आ गए थे भारत
मेरठ नासा के पूर्व वैैज्ञानिक प्रोफेसर आरसी त्यागी का शनिवार को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। वे पिछले कुछ दिन से अस्वस्थ चल रहे थे।
मूल रूप से मुरादाबाद निवासी प्रो. आरसी त्यागी बुढ़ाना गेट पर अपनी बुआ के यहां रहकर पढ़ाई करते थे। मेरठ से विज्ञान में स्नातक करने के बाद वे दिल्ली में नेशनल फिजिकल लेबोरेटी में नौकरी करने लगे। यहां से नौकरी छोड़कर ब्रिटेन चले गए और पीएचडी की। उनके शोध कार्यों को देखते हुए आईआईटी दिल्ली ने उनको निमंत्रण दिया तो वे भारत चले आए।
यहां पर उनको सॉलिड स्टेट लेेबोरेटरी फिजिक्स डिविजन का इंचार्ज बनाया। वे जो शोध कर रहे थे, उसका खर्च उठाने में आईआईटी को दिक्कत आ रही थी। इस पर वे अमेरिका में नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) चले गए। यहां पर प्रक्षेपास्त्र में काम आने वाले इंफ्रा रेड कंडक्टर्स एंड सेमी कंडक्टर मेटेरियल बनाया। नासा ने उनके नमूनों का पेटेंट भी कराया। अमेरिका के शोध विज्ञान की पत्रिकाओं में उनके कार्य की काफी तारीफ हुई।
भारत के डिफेंस एंड रिसर्च डेवलेपमेंट आर्गेनाइजेशन की तरफ से उनको आमंत्रित किया गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर प्रो. आरसी त्यागी और नासा में उनके साथ दूसरे भारतीय वैज्ञानिक डॉ. पीएल जैन भारत आ गए।
यहां पर उन्होंने रक्षा शोध संस्थान की सॉलिड स्टेट फिजिक्स लेबोरेटरी में वरिष्ठ रक्षा वैज्ञानिक की हैसियत से पी.एक्स, एपीएल-47 प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया। उन्हें एंटी एयर क्राफ्ट मिसाइल के डिटेक्टर में जैसे ही सफलता मिली तो उनके प्रोजेक्ट को रुकवा दिया गया। इसके पीछे उन्होंने विदेशी हथियार विक्रेताओं की भूमिका बताई। वहीं, प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार एमजीके मेनन पर भी गंभीर आरोप लगाए थे।
सुरों की निकाली विशिष्ट फ्रीक्वेंसी
प्रो. रमेश चंद्र त्यागी ने संगीत के हर सुर की विशिष्ट फ्रीक्वेंसी निकालकर उन्हें गणित के आधार पर सिद्ध किया। मानक फ्रीक्वेंसी के लिए उन्होंने स्वर मंडल की रचना की। दिसंबर 2013 में कैंब्रिज स्कॉलर्स पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित किताब हिस्ट्रीज एंड नैरेटिव्स ऑफ म्यूजिक एनालिसिस के संपादक माइलोकस जैकालिस ने संपादकीय में प्रो. आरसी त्यागी की इस खोज की बहुत प्रशंसा की थी।
प्रो. आरसी त्यागी के दो बेटे दिनेश और राजेश अमेरिका में रहते हैं। प्रो. त्यागी की पत्नी की मौत हो चुकी है। वे आजकल यहां बुढ़ाना गेट स्थित घर पर रहते थे। उनके रिश्तेदार शिखा त्यागी, सतीश त्यागी आदि मौजूद रहे। अंतिम संस्कार शाम के समय ब्रजघाट में किया गया।
जब वैैज्ञानिक से बने थे वकील
एडवोकेट संदीप पहल ने बताया कि उन्होंने मेरठ से लॉ की डिग्री लेकर खुद अपना केस लड़ा। वे कहते थे कि हमारे देश में हर व्यक्ति को लॉ की पढ़ाई करनी चाहिए। वे सामाजिक सरोकारों वाले कार्यों से जुड़े रहते थे। वहीं, भ्रष्टाचार के खिलाफ बेखौफ आवाज उठाते थे।
सीसीएसयू के फिजिक्स विभाग से जुड़े थे प्रो. त्यागी
सीसीएसयू के फिजिक्स विभागाध्यक्ष प्रो. वीरपाल सिंह ने बताया कि प्रो. आरसी त्यागी विभाग से जुड़े थे। उन्होंने दस से अधिक पेपर उनके साथ लिखे। जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक दीपक शर्मा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
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