डेंगू, मलेरिया व अन्य बुखारों के मरीजों की पहचान के लिए 7 से 16 सितम्बर तक डोर-टू-डोर सर्वे कराया जायेंगा- जिला मलेरिया अधिकारी

सहारनपुर [24CN]। डेंगू और मलेरिया की रोकथाम, बचाव एवं नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 07 से 17 सितम्बर तक डोर-टू-डोर सर्वे कराया जायेंगा। सर्वे के दौरान डेंगू, मलेरिया, कोविड आदि के मरीजों की सर्वेक्षण कर समुचित उपचार कराया जायेंगा। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए है कि नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्र में प्रतिदिन एण्टीलार्वा और फागिंग सभी क्षेत्रों में की जाए। खण्ड विकास स्तर पर मच्छर रोधी कार्यवाही भी प्रतिदिन कराई जाए। आम जनता से भी आह्वान किया है कि मच्छरों के प्रजनन स्थानों को समाप्त करने कहीं भी अपने घरों के आस-पास पानी एकत्रित न होने दंे।

जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. शिवांका गौड ने आज यहां यह जानकारी दी।  उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि अपने-अपने घर व आस-पास पानी से भरे बर्तन जैसे कूलर, गमले, छतो पर रखे पुराने टायर, फ्रिज की टेª आदि जिनमें एक सप्ताह से ज्यादा पानी रूका रहता है। पानी न भरने दें। ऐसे सभी बर्तनां को खाली कराये उन में ही लार्वा प्रजनन करता है। जिससे डेंगू, मलेरिया का मच्छर बनता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को पूरी आस्तीन की कमीज और पेंट पहनायें। कीटनाशक युक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें।

मलेरिया/डेंगू के लक्षण होने पर क्या करेंः-  तेज बुखार होने पर पैरासीटामोल की गोली ले सकते है। ठण्डे पानी से शरीर को पोछे। डेंगू उपचार के लिये कोई खास दवा अथवा बचाव के लिये कोई वैक्सीन नही है। औशधियों का सेवन चिकित्सकों की सलाह से करें।  गंभीर मामलों के लक्षण जैसे (खून आना) होने पर चिकित्सालय में तुरन्त सम्पर्क करें। एस्प्रीन व स्टीराइड दवाईयों का सेवन कदापि नही करें। डेंगू रोगी को मच्छरदानी का प्रयोग अवष्य कराये।

ध्यान रखेंः- डेंगू रोग को फैलाने वाला मच्छर शहरी, अर्ध शहरी आबादी वाले मकानों में पाया जाता है, गन्दी नालियों में यह मच्छर नही रहता है, यह मच्छर घरों में साफ इक्ट्ठा पानी में अपने अण्डे देता है। घरों के अन्दर ये पानी कूलर, छत पर खुली टंकियाॅ, टीन के खाली डिब्बे, पुराने टायर, गमले, खाली बोतलें, सिस्र्टन, मनी प्लान्ट के गमले आदि में जहाॅ पर पानी अस्थाई रूप से एकत्रित रहता है वही पर प्रजनन कर अपनी संख्या बढाता है।