एफएटीएफ की पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी, चार महीने में नहीं सुधरा तो होगा ब्लैक लिस्ट
पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) से पाकिस्तान को किसी भी तरह की राहत नहीं मिली है। उसे ग्रे लिस्ट में ही रखा गया है और 27 बिंदुओं को पूरा करने के लिए फरवरी 2020 तक का समय दिया गया है। यदि वह दी गई समयावधि तक आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग पर ठोस कार्रवाई नहीं करता है तो एफएटीएफ उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए ब्लैक लिस्ट में डाल देगा।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा है कि वह फरवरी 2020 तक अपनी पूरी कार्ययोजना को तेजी से पूरा करने का एक्शन प्लान दे। यदि वह निश्चित समयावधि के अंतर्गत ठोस कदम नहीं उठाता है तो एफएटीएफ उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। जिसमें एफएटीएफ के सदस्यों से पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंधों/ लेन-देन पर विशेष ध्यान देने का आग्रह करना शामिल है।
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने आपसी मूल्यांकन पर खराब प्रदर्शन किया है जिसके कारण आने वाले सालों में उसके ग्रे लिस्ट से बाहर आने की संभावनाएं घटकर शून्य हो गई हैं। इस बात की प्रबल संभावना है कि वह फरवरी 2020 में ब्लैकलिस्ट हो सकता है। इस निर्णय को सार्वजनिक करके एफएटीएफ ने वैश्विक वित्तीय संस्थानों को अलर्ट किया है कि उन्हें फरवरी 2020 के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
चीन, तुर्की और मलयेशिया के समर्थन की वजह से पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में ही है। अंरराष्ट्रीय संस्था के नियमों के अनुसार कोई भी देश किन्हीं तीन देशों का समर्थन हासिल करके ब्लैकलिस्ट होने से बच सकता है। इस मामले पर पाकिस्तान को चीन, तुर्की और मलयेशिया का समर्थन मिला जिसके कारण वह फिलहाल ग्रे लिस्ट में ही रहेगा।
इससे पहले पाकिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में कहा था कि पाकिस्तान ने 27 में से 20 बिंदुओं पर सकारात्मक प्रगति की है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान के उठाए गए कदमों और कई क्षेत्रों में इसकी प्रगति पर संतोष जताया।
इसके अलावा चीन, तुर्की और मलयेशिया ने पाकिस्तान के उठाए गए कदमों की सराहना की। भारत ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है। भारत का कहना है कि उसने हाफिज सईद को फ्रीज खातों से पैसे निकालने की मंजूरी दी है। एफएटीएफ ने मनी लांड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई पूरी करने के लिए पाकिस्तान को अक्तूबर तक का समय दिया था।