नूंह हिंसा के दो आरोपियों का एनकाउंटर, अरावली पहाड़ी में छिपे थे उपद्रवी

नूंह हिंसा के दो आरोपियों का एनकाउंटर, अरावली पहाड़ी में छिपे थे उपद्रवी

नूंह । 31 जुलाई को नूंह में निकली धार्मिक यात्रा के दौरान हिंदू संगठनों के लोगों पर पत्थर तथा गोली चलाने के मामले में आरोपित दो युवकों को क्राइम ब्रांच की टीम ने गुरुवार को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया है। नूंह थाना क्षेत्र के गांव ग्वारका गांव के रहने वाले मुनफेद और सैकुल मामला दर्ज होने के बाद अपने गांव से फरार हो गए थे।

अरावली पहाड़ी में छिपे थे उपद्रवी

दोनों तावडू क्षेत्र गांव सीलखो से सटी अरावली पहाड़ी में छिपे थे। क्राइम ब्रांच तावडू के प्रभारी संदीप मोर को दोनों की लोकेशन यहां होने की मिली तो उन्होंने ड्रोन की मदद लेकर बृहस्पतिवार भोर पहाड़ी को अपनी टीम के साथ घेर लिया। दोनों के ठिकाने के ठिकाने की ओर जब पुलिस टीमें बढ़ी तो मुनफेद और सैकुल राजस्थान की ओर भागे, इसी बीच 315 बोर के कट्टे से मुनफेद ने कई गोली चलाई।

इंस्पेक्टर संदीप ने बचाव करते हुए मुनफेद की जांघ में अपनी पिस्टल से गोली मारी जिससे वह गिर पड़ा। इसी बीच पुलिसकर्मियों ने सैकुल को भी दबोच लिया। मुनफेद को पुलिस निगरानी में नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

सैकुल को नूंह सदर थाना पुलिस के हवाले किया जा रहा है।मौके से पुलिस ने कट्टा तथा कई कारतूस तथा एक बाइक बरामद की है। बता दें कि सीलखों की पहाड़ी पर गोतस्करों ने अपने अड्डे बना रखे थे।यहीं पर राजस्थान की ओर से गोवंशी लाकर उनका वध किया जाता था।

एक माह पहले तावडू के तत्कालीन डीएसपी जयप्रकाश ने छापेमारी कर गोतस्करों के ठिकानों को तोड़ चार गोतस्कर पकड़े थे।आपरेशन बुलडोजर के दौरान पहाड़ी के निचले इलाके में बने अवैध निर्माण तोड़ दिए थे। ऊपरी सतह पर बने अवैध निर्माण तोड़ने की तैयारी वाले दिन पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश के बाद मुहिम रोक दी गई थी।

बदलापुर ग्रुप से दोनों के कनेक्शन

हिंसा के अगले दिन से ही दोनों अपने गांव से फरार थे। और वह अपने ठिकाने बदल रहे थे। अपने लोगों से बात करने के लिए मोबाइल खोलते थे फिर बंद कर देते थे। एसटीएफ तथा क्राइम ब्रांच की टीम दोनों के पीछे लगी हुई। आने जाने के लिए जिस बाइक का इस्तेमाल करते थे उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।

मुनफेद और सैकुल के संबंध भरतपुर के पहाड़ी थाना क्षेत्र के गांव सावलेर के रहने वाले हिंसा आरोपित सलीम, साबिर, अशफाक से बताए जा रहे हैं। इन आरोपितों ने पुलिस रिमांड पर कबूला है कि भरतपुर जिला के गांव घाटमिका के रहने वाले नासिर-जुनैद की हत्या का बदला लेने के लिए ग्रुप के साथ मिलकर धार्मिक यात्रा पर शामिल लोगों पर हमला किया था।

अरावली पहाड़ी से पकड़े गए नौ संदिग्ध

बता दें कि इससे पहले आरोपितों की खोज में लगी एसटीएफ ने बुधवार सुबह ड्रोन की मदद से पहाड़ी पर ठिकाना तलाश कर नौ लोगों को हिरासत में ले लिया था। सभी नल्हड़ और मेवली गांव के रहने वाले हैं। पूछताछ कर साक्ष्य मिलने के बाद इनकी गिरफ्तारी की जाएगी। वहीं, मंगलवार हिरासत में लिए गए संदिग्ध लोगों में आठ को गिरफ्तार कर लिया गया है।

अब तक 189 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार

हिंसा में गिरफ्तार होने वाले आरोपितों की संख्या 189 हो चुकी है। गांव से सटी अरावली पहाड़ी बदमाशों की शरणस्थली बन रही है। नल्हड़ तथा समीपवर्ती गांव के चार सौ लोगों से अधिक मुस्लिम युवकों ने नल्हड़ मंदिर में फंसे शिव भक्तों पर गोली और पत्थर चलाए थे।

नल्हड़ के पास पहाड़ी का हिस्सा नूंह की ओर तरह अधिक ऊंचा नहीं हैं। कई चोर रास्ते भी बने हुए हैं। ऐसे में एसटीएफ तथा क्राइम ब्रांच को परेशानी आ रही है। पहले ड्रोन से सटीक ठिकाने खोजे गए फिर पहाड़ी पर चढ़कर संदिग्धों को दबोच लिया।

हिंसा में गई थी छह लोगों की जान

उल्लेखनीय है कि नूंह के नल्हड़ शिव मंदिर से 31 जुलाई दिन सोमवार को निकाली गई ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा पर विशेष समुदाय के पथराव के बाद हिंसा भड़क गई थी। इस कारण यात्रा स्थगित हो गई थी।

हिंसा के दौरान दो होमगार्ड, बजरंग दल के दो कार्यकर्ताओं समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। अब तक नूंह में माहौल पूरी तरह शांत नहीं हो पाया है।

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