साहबामाजरा मे कच्चा मकान गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत

अन्य परिजन पास मे दुसरे कच्चे मकान मे होने से बचे
नकुड 27 अगस्त इंद्रेश। भारी बारिश के नकारात्मक प्रभाव सामने आने लगे है। बारिश के बाद धूप निकलने के बाद कच्चा मकान भरभराकर गिर गया। मकान गिरने से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी। पुलिस ने महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।
बुद्धवार को क्षेत्र मे अच्छी धूप निकली। शाम करीब चार बजे क्षेत्र के साहबामाजरा गांव में दलित विजयपाल का कच्चा मकान भरभराकर गिर गया। मकान गिरने से सत्तर वर्षीया सुरजी मकान के मलबे दब गयी। जबकि अन्य परिजन पास दुसरे कच्चे मकान मे मे होने से हादसे से बच गये । ग्रामीणो का कहना है कि यदि अन्य परिजन भी इसी मकान मे होते तो बडा हादसा हो सकता था। मकान गिरने की आवाज सुनकर सुरजी के बेटे व अन्य ग्रामीण मौके पर पहुचे। उन्होंने मकान के मलबे दबी सुरजी को निकालने के प्रयास शुरू किये। कडी मशक्कत के बाद सुरजी को मकान के मलबे से निकाला जा सका। उसे तंुरत गांव में ही एक चिकित्सक के पास ले जाया गया।
चिकित्सक ने उसकी गंभीर अवस्था को देखते हुए परिजनो को सुरजी को सीएचसी म ेले जाने की सलाह दी। परिजन सुरजी को नकुड सीएचसी लेकर आये। जंहा चिकित्सको ने सुरजी को मृत घोषित कर दिया। जिसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी गयी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सुरजी के शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। सुरजी की मौत से उसके परिवार मे मातम पसर गया है।
दलित परिवार को आजादी के 79 वर्ष बीतने के बाद भी पक्का मकान नसीब नंही हुआ
अस्पताल मे मौजूद ग्रामीण बलविंद्र सोमपाल , अरूण, राजकुमार नरेंद्र व सुरजी के पौत्र विशाल ने बताया कि उनके परिवार के पास पक्का मकान नही है। उन्होने ग्राम प्रधान को कई बार प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्का मकान बनवाने की गुहार लगायी। पंरतु ग्राम प्रधान ने हर बार कोई योजना नहीं है, बजट नहीं मिला है जैसे बहाने बनाकर उन्हे टरका दिया। यही वजह है कि आजादी के 79 वर्ष बीतने के बाद भी इस दलित परिवार को पक्का मकान नसीब नंही हो पाया। ग्रामीणो का आरोप है कि गांव मे कई अपात्रो के भी पक्के मकान चुके है। पंरतु सुरजी का शायद ऐसा नसीब नंही था।
