जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव का जिला कारागार का आकस्मिक निरीक्षण

- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव/न्यायिक अधिकारी (वरिष्ठ) श्रीमती सुमिता द्वारा जिला कारागार का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। सचिव द्वारा कारागार में निरूद्ध बन्दियो से वार्ता करके उनके मुकदमें के बारे में तथा समस्या के बारे में पूछा गया तो 15 बन्दियों ने पैरवी के लिये वकील न होने की बात कही। जेल प्रशासन को इस सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि उन सभी के आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोे ंभेजना सुनिश्चित करे तथा समय-समय पर बन्दियों से पूछते रहे कि उनके मुकदमें की पैरवी के लिये वकील है या नही है।
सहारनपुर [24CN] : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/जिला जज श्री सर्वेश कुमार के मार्ग दर्शन में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जारी माह अक्टूबर के एक्शन प्लान 2020 के अनुपालन में श्रीमती सुमिता ने जिला कारागार का निरीक्षण किया। उनके बन्दियों को अगामी 30 अक्टूबर 2020 को आयोजित होने वाली जेल ई0-लोक अदालत के प्रति जागरूक किया गया तथा उसमें मामले आसानी से निस्तारित कराने के बारे में बताया गया और साथ ही ऐसे बन्दी जो शमनीय मामलों में निरूद्ध है तथा 436ए सी0आर0पी0सी0 के लाभ के हकदार है उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिये जेलर को निर्देशित किया।
श्रीमती सुमिता द्वारा रसोईघर, भण्डारगृह व अस्पताल का भी निरीक्षण किया गया। इस समय कुल 30 बन्दी अस्पताल में भर्ती देखे गये जिनमें से ज्यादातर हार्टपेशेन्ट है उन सभी से पूछा गया कि दवायें सभी को समय पर मिलती है। डा0 प्रवीन पुण्डीर ने बताया कि इन सभी का कोरोना टेस्ट हो चुका है इन सबकी रिर्पोट निगेटिव है। वरिष्ठ अधीक्षक कारागार श्री वीरेश राज शर्मा द्वारा बताया गया कि कोविड-19 महामारी के चलते जिला कारागार में अस्थायी जेल स्थापित की गयी है जिसमें महिला बंदी व पुरूष बन्दियों के लिये अलग-अलग व्यवस्था की गई है वर्तमान में 170 पुरूष व 06 महिला बन्दी है जिनका उपचार समय-समय पर डा0 नासिर खान द्वारा किया जाता हैं। वरिष्ठ अधीक्षक द्वारा बताया गया कि जो बन्दी कारागार में न्यायालय के आदेश से आते है उन्हे सीधे स्थायी कारागार में न रखकर अस्थायी जेल में रखा जाता है तथा उनका कोविड-19 टेस्ट कराया जाता है जो बन्दी संक्रमित पाये जाते है उनका इलाज ग्लोकल हास्टिपल मिर्जापुर में कराया जाता है तथा जिनकी रिर्पोट निगेटिव आती है उन्हे भी अस्थायी जेल में 14 दिनो तक रखा जाता है और जब उनमें कोई लक्षण किसी प्रकार का नही मिलता है तो उन्हे स्थायी जेल में भेज दिया जाता हैं।
जेल प्रशासन ने जेल में बढते करोना संक्रमण के बारे में सचिव को अवगत कराया। इस सन्दर्भ में सचिव ने उन्हे साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। सचिव द्वारा जिला कारागार अस्पताल व विडियों कान्फ्रेन्सिग हाॅल आदि का निरीक्षण किया । जेल प्रशासन ने अवगत कराया कि वर्तमान में निरूद्ध बन्दियों के पुर्नवासन से सम्बन्धित न तो उन्हे कोई प्रशिक्षण की व्यवस्था है और न ही शिक्षण की तथा इस समय निरूद्ध बन्दियों के कल्याण के लिये कोई सरकारी योजनायें प्रचलित नही है। जेल विजिटर को निर्देश दिये गये कि जिन बन्दियो को उनके मुकदमें सम्बन्धी जो भी समस्या हो उसकी लिस्ट बनाकर मेरे समक्ष रखना सुनिश्चित करें। सचिव द्वारा जिला कारागार वरिष्ठ अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि यदि कोई अस्वस्थ नजर आये तो उसे तुरन्त डाक्टर को दिखायें। इस समय जिला कारागर में 1723 पुरूष बन्दी व 68 महिला बन्दी है।
निरीक्षण के समय श्री विरेश राज शर्मा वरिष्ठ अधीक्षक कारागार, जेलर श्री राजेश पाण्डे, श्री हिमांशु रोतेला डिप्टी जेलर, डा0 प्रवीन पुण्डीर, श्री अशोक कुमार जेल विजिटर, व जेल स्टाफ आदि उपस्थित रहे।