जनपद न्यायाधीश ने कोरोना के बढते मामलों के दृष्टिगत किए दिशा-निर्देश जारी

सहारनपुर [24CN]। जनपद न्यायाधीश अश्विनी कुमार त्रिपाठी ने कोविड-19 महामारी के बढ़ते हुए मामलों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय (न्यायाधिकरण सहित) के संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी न्यायालय (न्यायाधिकरण सहित) सभी प्रकार के न्यायिक व प्रशासनिक कार्य अद्यतन उपबन्धों, नियमों, दिशा-निर्देशों व समय-समय पर जारी परिपत्रों के अनुसार ग्रहण व संपादित करेंगे।

जनपद न्यायाधीश श्री त्रिपाठी ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि समस्त न्यायालय के पीठासीन अधिकारीगण यह सुनिश्चित करें कि एक समय में पक्षकारों एवं अधिवक्ता सहित 10 से अधिक व्यक्ति न्यायालय कक्ष में न्यायिक कार्यवाही के दौरान उपस्थित न हों तथा व्यक्तिगत दूरी के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। न्यायालय कक्ष में 06 कुर्सियाँ उचित दूरी बनाकर रखी जाएँ। इसके अतिरिक्त पीठासीन अधिकारी इस बात के लिए सशक्त हैं कि वे न्यायालय कक्ष में व्यक्तियों का प्रवेश अथवा उस स्थान जहाँ से अधिवक्ता द्वारा बहस की जाएगी, को नियन्त्रित प्रतिबन्धित कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि जिला न्यायालय परिसर में प्रवेश की अनुमति प्रदान करने से पूर्व सम्पूर्ण परिसर का मेडिकल गाइडलाईन के अनुरूप सैनिटाइजेशन किये जाने हेतु जिलाधिकारी, नगर निगम एवं मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखा जाए तथा प्रत्येक कार्यदिवस को न्यायालय परिसर खुलने से पूर्व मेडिकल गाइडलाईन के अनुरूप सैनिटाइजेशन सुनिश्चित किया जाए। इस सम्बन्ध में प्रभारी अधिकारी, नजारत, केन्द्रीय साध्यपाल के माध्यम से व्यवस्था सुनिश्चित करें। न्यायिक अधिकारीगण एवं विद्वान अधिवक्तागण के आग्रह पर वर्चुअल कोर्ट की सुविधा का भी प्रयोग किया जा सकेगा।

केन्द्रीय फाइलिंग काउण्टर (कम्यूटर अनुभाग) पर सभी प्रकार के नवीन वाद एवं प्रार्थनापत्र (सिविल व दाण्डिक) अथवा अन्य प्रार्थनापत्र दाखिल किए जा सकेंगे। ऐसे सभी वाद एवं प्रार्थनापत्र सीआईएस पर प्रविष्ट किए जाएंगे। सभी प्रार्थनापत्र एवं वादों पर अधिवक्ता एवं वादकारीगण का मोबाइल नंबर दिया जाना आवश्यक होगा, किसी त्रुटि के संबंध में अधिवक्तागण को सूचित किया जाए उसके उपरान्त सभी प्रार्थनापत्र संबंधित न्यायालय को भेजे जाए। नोडल ऑफिसर कम्प्यूटर व सिस्टम ऑफिसर इस संबंध में आवश्यक अनुपालन सुनिश्चित करें।

जिला न्यायाधीश ने कहा कि पक्षकारों द्वारा लिखित बहस न्यायिक सेवा केन्द्र पर दाखिल की जा सकेगी जो कि कम्प्यूटर अनुभाग द्वारा संबंधित न्यायालय को भेजी जायेंगी। न्यायालय परिसर में और साथ ही साथ न्यायालय कक्ष में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मॉस्क का प्रयोग आवश्यक रूप से किया जाये। न्यायालय कक्ष के प्रवेश द्वार पर सैनेटाईजर की व्यवस्था की जाये। प्रस्तुतकर्ता, लिपिक व सभी संबंधित सोशल डिस्टैंसिंग का सख्ती से पालन करें। जिला प्रशासन एवं मुख्य चिकित्साधिकारी का यदि यह मत हो कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत जिला न्यायालय एवं बाह्य न्यायालय निश्चित समय के लिए बन्द रखा जाए तो ऐसी स्थिति में जिला न्यायालय एवं बाह्य न्यायालय बन्द रखा जा सकेगा तथा ऐसी सूचना विशेष कारणों सहित उच्च न्यायालय, इलाहाबाद को प्रेषित की जाएगी।

जिलाधिकारी एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों तथा मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की सहायता से न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग सुनिश्चित की जावे। इस संबंध में जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारीध् मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को पत्र लिखा जाए। इस परिप्रेक्ष्य में प्रभारी अधिकारी, नजारत आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें।


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