बड़ी लापरवाही: बेड की कमी का हवाला देकर बगैर जांच कोरोना संक्रमितों की अस्पताल से छुट्टी
सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के चलते चिकित्सक बेड की कमी का हवाला देते हुये भर्ती मरीजों को बगैर जांच किये घर जाने का दवाब बना रहे हैं। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा एस चनप्पा ने कोविड-19 अस्पतालों में जाकर भर्ती रोगियों का माइक के जरिए हालचाल लिया। उनके साथ मुख्य चिकित्साधिकारी डा बीएस सोढ़ी भी थे। राजकीय मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों ने पर्याप्त सुविधा नहीं होने और लापरवाही बरते जाने की शिकायत की।
कोरोना संक्रमित अमित सिंघल और गौरव सिंघल ने जिलाधिकारी को बताया कि यहां उन्हें परेशान किया जा रहा है। यहां तैनात कुछ डाक्टर उन पर दवाब बना रहे है कि वे बिना जांच कराए ही अपने घरों को वापस लौट जाए, चूंकि यहां नए मरीजों के आने का दबाव बना हुआ है। अमित सिंघल ने जिलाधिकारी से कहा कि उनके पास डा सुनील कंवर अपने दो.तीन साथियों के साथ आए और कहा च्च् तुम लोगों को तीन.चार दिन हो गए हैं आप लोग यहां से अपने घरों को चले जाओं वो भी बिना जांच कराए।” शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने कारर्वाई करने के निर्देश दिए है।
इस बीच सहारनपुर मंडल में 24 घंटे के भीतर 5914 नमूनों की जांच में 263 मामले सामने आये हैं जबकि मंगलवार तक यहां 145 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि सहारनपुर में फिलहाल 1344 मरीज भर्ती हैं। कमिश्नर संजय कुमार ने बताया कि मुज़फ़्फरनगर में 1101, शामली में 397 रोगी सक्रिय हैं। मंगलवार दोपहर तक सहारनपुर मंडल में 128000 नमूनों की जांच हो चुकी है। गांव कस्बों से भी 25 साल से 35 तक के युवाओं के मामले भी संक्रमित निकल रहे हैं जो चिंता का विषय है।
उधर, प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मंडल और जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि बाजार में दवाओं की जमाखोरी ना होने पाए। ऑक्सीजन पर कालाबाजार पर सख्त कार्रवाई करें। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने कहा कि शासन ने सहारनपुर जिले को विशेषज्ञ शहरों की सूची में बी श्रेणी में रखा है और यहां पर रोगियों से ए श्रेणी की तुलना में 80 प्रतिशत खर्चा लगेगा।