श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में रूकमणी विवाह के प्रसंग पर झूमे श्रद्धालू

- सहारनपुर में श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह कार्यक्रम का दृश्य।
सहारनपुर। कथाव्यास दीदी राधिका श्रीजी ने कहा कि प्रभु को अपना जीवन अर्पण करना ही रूकमणी-श्रीकृष्ण विवाह है। दीदी राधिका श्रीजी आज यहां राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में ज्ञान की अमृत वर्षा कर रही थी।
उन्होंने रुकमणी-श्रीकृष्ण विवाह महोत्सव का मार्मिक वर्णन करते हुए कहा आत्मा और परमात्मा का मिलन ही श्री कृष्ण रुकमणी विवाह का महात्म्य है। जीव का जन्म अपने पाप कर्मों को धोने के लिए और परमात्मा की प्राप्ति के लिए हुआ है। संसार के चक्र में जीव को सभी कार्यों को परमात्मा की इच्छा के अनुसार ही संपादित करना चाहिए। परमात्मा की इच्छा के विरुद्ध किया गया कार्य एवं परमात्मा की सहभागिता के बिना किया गया कार्य ही पाप कर्म है। इसलिए प्रत्येक जीव को अपने प्रत्येक कार्य में परमात्मा का आह्वान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ही मोक्ष और मुक्ति का मार्ग है जो प्रत्येक जीव को कर्म बंधन से मुक्त कर मोक्ष प्रदान करते हैं। श्री कृष्ण भक्ति ही परम भक्त है जिस आधार पर जीव को ब्रह्म दर्शन होकर अंत में बैकुंठ की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर मेहरचंद जैन, अश्वनी काम्बोज, अमित वर्मा, राकेश चौहान, कुलदीप भारद्वाज, सागर गुप्ता, नरेश चंदेल, मुनेश गोयल, वर्षा, किरण, बबली, रेनू, सीमा, करुणा, सुचेता, उमा आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।