नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर गुजरात की शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्न उठाया है। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट से एक ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि भाजपा के लोग भी गुजरात की चरमराती शिक्षा पर प्रश्न उठा रहे। पार्टी लाइन से ऊपर उठकर गुजरात में अच्छी शिक्षा के लिए आवाज़ उठने लगी है। 27 साल में भाजपा अच्छी शिक्षा नहीं दे पायी। गुजरात के लोगों और सभी पार्टियों को साथ लेकर “आप” सरकार गुजरात में भी दिल्ली की तरह अच्छी शिक्षा देगी।
दरअसल गुजरात की शिक्षा व्यवस्था को लेकर उस दिन से बवाल मचा हुआ है जिस दिन गुजरात के शिक्षा मंत्री ने ये बयान दिया था कि जिसको दिल्ली की शिक्षा अच्छी लगती है वो वहां जा सकता है। इसी के बाद से आम आदमी पार्टी और भाजपा नेताओं ने जुबानीजंग चल रही है।
उधर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सोमवार को गुजरात के सरकारी स्कूलों का दौरा करेंगे। इस बात की जानकारी देने के लिए उन्होंने बकायदा प्रेसवार्ता भी बुलाई थी। इसमें मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस दौरे के दौरान इस बात का पर्दाफाश होगा कि 27 सालों में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने गुजरात में शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए कुछ किया या नहीं।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 27 सालों से गुजरात की सत्ता में काबिज भाजपा के शासन काल में गुजरात की शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो चुकी है और जब गुजरात की जनता शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की मांग करती है तो सत्ता के अहंकार में चूर वहां के शिक्षा मंत्री जीतूभाई बघानी ट्वीट कर कहते है कि जिसे भी गुजरात की शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं लगती वो गुजरात छोड़कर दिल्ली चला जाए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था के बारे में गुजरात के शिक्षामंत्री के बयान की निंदा भी की। कहा कि यदि गुजरात के शिक्षामंत्री में इतना अहंकार है तो मैं खुद गुजरात जाकर देखूंगा कि पिछले 27 सालों में भाजपा की सरकार ने स्कूलों को ठीक करने के लिए कुछ काम किया भी है या नहीं।
आम आदमी पार्टी का दावा है कि लगभग 4 लाख लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गुजरात के शिक्षा मंत्री को वहां की शिक्षा व्यवस्था के बारें में कोई खोज-खबर नहीं है। उन्होंने गुजरात के शिक्षामंत्री जीतूभाई बघानी से सवाल करते हुए कहा था कि जब वे गुजरात के स्कूलों-कालेजों को ठीक नहीं करेंगे और सत्ता के अहंकार में आकर ये कहेंगे कि जिसे ये व्यवस्था पसंद नहीं वो गुजरात छोड़ कर दिल्ली चला जाए तो उनका समाज को लेकर फिर क्या विज्ञान है?