आज होगा दिल्ली के मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति का फैसला, सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर अधिकारियों की नजर

आज होगा दिल्ली के मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति का फैसला, सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर अधिकारियों की नजर

नई दिल्ली। मुख्य सचिव के पद के लिए आज सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर दिल्ली के अधिकारियों की नजर टिकी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पद के लिए उपयुक्त पांच अधिकारियों का नाम का चयन कर लाने का केंद्र सरकार को निर्देश दिया है

केंद्र सरकार नरेश कुमार का सेवाविस्तार चाहती है

अभी केंद्र सरकार की ओर से इस पर बयान नहीं आया है। केंद्र सरकार इस पद पर नरेश कुमार का सेवाविस्तार चाहती है। नरेश कुमार 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हाे रहे हैं। इसके विरोध में दिल्ली की आप सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है। आज इस बारे में स्पष्ट हो सकेगा कि सुप्रीम कोर्ट का रुख क्या रहता है।

इस पद काे लेकर जोर आजमाइश तब से शुरू हुई है, जब उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने वर्तमान मुख्य सचिव नरेश कुमार को सेवाविस्तार देने के लिए फाइल केंद्र सरकार के पास भेजी थी। यह जानकारी सामने आने पर दिल्ली की आप सरकार इसके विरोध में आ गई। आप सरकार ने दो स्तर पर मोर्चाबंदी शुरू की।

एक तरफ इस मामले को सुप्रीम कोर्ट लेकर गई तो दूसरी ओर उनके बेटे को जोड़ते हुए भ्रष्टाचार के दो बड़े आरोप मुख्य सचिव पर लगा दिए। पहले में बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में 850 करोड़ का घोटाला बताकर मुख्य सचिव पर आराेप लगाया तो मुख्य सचिव की ओर से इसका जोरदार खंडन किया गया।

दूसरे मामले मेें बेटे की कंपनी को दिल्ली सरकार के लीवर एवं पित्त संस्थान (आइएलबीएस) अस्पताल में बगैर टेंडर के एक काम दिए जाने का आराेप लगाया गया।जबकि इस मामले में संबंधित कंपनी इस बात का खंडन कर चुकी है कि उस कंपनी का मुख्य सचिव के बेटे करण चौहान से कोई लेना देना नहीं है।

जानकारों की मानें तो मामला अदालत में ले जाने से इस मामले में आप सरकार को लाभ मिलता दिख रहा है।अदालत के रुख से नरेश कुमार के सेवाविस्तार को मुद्दा पीछे छूटता दिख रहा है।बहरहाल आज इस बारे में स्पष्ट हो सकेगा।

अदालत ने इस पद के लिए पांच नाम केंद्र सरकार से मानें हैं जिनमें एक नाम पर दिल्ली सरकार ने आज फैसला लेना है। इसके लिए अगर वरिष्ठता क्रम की बात की जाए तो केंद्र शासित राज्य होने के कारण दिल्ली में एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) से आइएएस ही लगते रहे हैं।

उसके अनुसार आंकलन करें तो इस वरिष्ठता क्रम में 1988 बैच की आइएस रेणु शर्मा हैं जो इस समय मिजोरम की मुख्य सचिव हैं।

कुछ साल पहले तक ही दिल्ली सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव रही हैं। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद में चेयरमैन रहे 1989 बैच के धर्मेंद्र हैं। वह इस समय अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव हैं। दिल्ली सरकार में इस समय 1989 बैच के आइएएस पी के गुप्ता हैं।

वह अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। गुप्ता विभाजित एमसीडी में नगर निगम उत्तरी के आयुक्त रहे हैं।इस पद के लिए अमित यादव का नाम भी लिया जा रहा है।वह 1991 बैच के आइएएस हैं।दिल्ली सरकार में इस समय 1991 बैच के मनीष गुप्ता भी हैं।वह अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी हैं।

मनीष गुप्ता कुछ माह पहले तक डीडीए के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। इस पद के लिए 1991 बैच के पुनीत गाेयल भी दावेदार हैं।वह इस समय गाेवा के मुख्य सचिव हैं और कुछ साल पहले विभाजित नगर निगम में नगर निगम दक्षिणी के आयुक्त रहे हैं।

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