जनता को शून्यता की ओर ले जा रही है वर्तमान राजनीति: प्रियंवदा राणा

- सहारनपुर में समर्पण सामाजिक संस्था की फाउंडर प्रियंवदा राणा का फाइल फोटो।
सहारनपुर [24CN]। समर्पण सामाजिक संस्था की संस्थापक व समाजसेविका प्रियंवदा राणा ने कहा कि वर्तमान राजनीति जनता को शून्य की ओर ले जा रही है। जबकि हमारी संस्था समाजसेवा व जनता की भलाई के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि समर्पण का अर्थ समाज के प्रति या उसकी समस्याओं के लिए उत्तरदायित्व होने के साथ-साथ समाज के प्रति समर्पण का भाव है। समाजवादी पार्टी की सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रहे स्व. राजेंद्र राणा की सुपुत्री प्रियंवदा राणा ने अपने पिता के निधन के बाद से ही समाज सेवा व समाजवादी पार्टी में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने यहां जारी बयान में कहा कि आज जब हम गांव, कस्बे व शहर में संस्था के काम के सिलसिले में जाते हैं तो हम देखते हैं कि समाज कितनी शून्यता की ओर जा रहा है। विगत पांच सालों में समाज में शून्यता और नीरसता बहुत अधिक बढ़ गई है और यह नीरसता नौजवानों व घरेलू महिलाओं को और अधिक प्रभावित कर रही है। इसलिए उन्होंने नौजवानों व घरेलू महिलाओं की परेशानी व नीरसता को देखते हुए उनकी परेशानियों को उठाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि समर्पण का मतलब किसी मंत्री, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री के प्रति उत्तरदायी होना नहीं है बल्कि जनता के प्रति उत्तरदायी है।
प्रियवंदा राणा ने कहा कि वर्तमान सरकार की गलत नीतियों की वजह से बेरोजगारी की दर निरंतर बढ़ रही है जिसका असर नौजवानों के मस्तिष्क व स्वास्थ्य पर पड़ रहा है जिससे वह डिप्रेशन का शिकार होकर आत्महत्या कर रहे हैं या नशे की ओर जा रहे हैं। इस कारण उनकी माताएं व बहनें प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई भी निरंतर बढ़ती जा रही है जिससे समाज का हर तबका उसका ग्रास बन रहा है तथा घरेलू महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित हो रही हैं क्योंकि घर और रसोई उन्हें ही संभालना पड़ता है।
क्या यह शून्यता नहीं है? इसलिए देश के किसान विगत नौ माह से दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं परंतु सरकार उनकी अनदेखी करते हुए पेट्रोल, डीजल व गैस के दाम लगातार बढ़ा रही है जिसमें अनेक किसानों की मौत भी हो गई है। उन्होंने कहा कि वह मूलत: गांव से जुड़ी हुई हैं। इसलिए वह जानती हैं कि किसान कितना संघर्ष करता है और अब परेशानी में आत्महत्या कर रहा है, क्या यह शून्यता नहीं है।