नई दिल्ली। दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचते ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) भी सक्रिय हो गया है। सीपीसीबी की उप समिति ने शुक्रवार को आपात बैठक कर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार से कई सख्त निर्णयों पर अमल करने के लिए कहा है।

सीपीसीबी के सदस्य सचिव और उप समिति के अध्यक्ष डा. प्रशांत गर्गव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन राज्य सरकारों से कहा गया कि वे सभी सरकारी और निजी कार्यालयों के कर्मियों द्वारा प्रयोग किए जा रहे वाहनों की संख्या में 30 प्रतिशत तक कटौती करें ताकि वाहनों से निकलने वाले धुएं से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। सड़कों पर वाहनों की संख्या घटाने के लिए कार पूलिंग पर जोर दिया गया। साथ ही कर्मचारियों के लिए वर्क फ्राम होम व्यवस्था को लागू करने के लिए भी कहा गया है।

सीपीसीबी के अनुसार वायु प्रदूषण का यह खतरनाक स्तर अभी 18 नवंबर तक बना रह सकता है। ऐसे में लोग अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। इसके साथ साथ सीपीसीबी ने अपने पिछले आदेश को भी लागू रखने कहा है, जिसमें आठ नवंबर को ईंट-भट्ठे, हाट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर को बंद करने का निर्देश दिया गया था।