Covid-19: देश में क्या उतर रहा कोरोना का ग्राफ? मुंबई में नए मामलों में 35 % कमी, दिल्ली में सिर्फ 17 नए केस

Covid-19: देश में क्या उतर रहा कोरोना का ग्राफ? मुंबई में नए मामलों में 35 % कमी, दिल्ली में सिर्फ 17 नए केस
हाइलाइट्स
  • देश में बुधवार को कोरोना वायरस के नए मामलों में करीब एक चौथाई की कमी
  • सबसे बुरी तरह प्रभावित मुंबई में नए मामलों में 35 प्रतिशत कमी तो दिल्ली में सिर्फ 17 नए केस
  • दिल्ली में अप्रैल महीने में अब तक किसी एक दिन में सबसे कम केस, 68% केस मरकज से जुड़े

नई दिल्ली
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 12 हजार के करीब पहुंच चुके हैं। 392 लोगों की मौत भी हो चुकी है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि इस खतरनाक वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित दिल्ली और मुंबई में पिछले 24 घंटे में नए मामलों की तादाद में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। दिल्ली में बुधवार को सिर्फ 17 नए केस सामने आए जो पूरे अप्रैल में किसी भी दिन का सबसे कम आंकड़ा है। इसी तरह मुंबई में बुधवार को नए मामलों में एक दिन पहले की तुलना में 35 प्रतिशत की कमी आई। मौत के मामले भी सिर्फ 2 आए जो पिछले 11 दिनों में सबसे कम थे।

देश में नए मामलों में 25 प्रतिशत की कमी
नए मामलों में लगातार इजाफे के बीच देश में बुधवार को सिर्फ 866 नए मरीज सामने आए। उससे एक दिन पहले यानी मंगलवार की तुलना में यह करीब 25 प्रतिशत कम है। इस हफ्ते नए मामलों में भी यह सबसे कम आंकड़ा है। सोमवार को देश में कोरोना वायरस के 1200 से ज्यादा नए मामले सामने आए थे। मंगलवार को भी करीब 1100 नए मामले सामने आए। अगर आज भी यह ट्रेंड बरकरार रहता है तो भारत कोरोना वायरस के कर्व को फ्लैट करने में जल्द ही कामयाब हो सकता है।

दिल्ली में सिर्फ 17 नए केस, अप्रैल में एक दिन में सबसे कम
देश में महाराष्ट्र के बाद दिल्ली कोरोना वायरस से दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ रहा था जिस पर बुधवार को ब्रेक लग गया। कल राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के कुल 17 ही नए मामले आए जो पूरे अप्रैल महीने में किसी एक दिन का सबसे कम आंकड़ा है। बुधवार को दिल्ली में कोरोना से 2 मौतें हुईं जिससे अब यहां मौत का आंकड़ा 32 पहुंच चुका है।

गियुलियो के जुगाड़ से कोई भी हो जाए इम्प्रेस

  • गियुलियो के जुगाड़ से कोई भी हो जाए इम्प्रेस

    लॉकडाउन के दौरान स्कूल न जा पाने से गियुलियो दुखी तो है लेकिन उसने हौसला नहीं खोया है। वह घर पर रहकर ही पढ़ाई कर रहा है क्योंकि स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था की है ताकि किसी की पढ़ाई न छूटे। ऑनलाइन क्लासेज तो शुरू कर दी गई हैं लेकिन कुछ बच्चों को इंटरनेट के खराब नेटवर्क से भी जूझना पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए गियुलियो ने यह जुगाड़ निकाला जिसे देखकर कोई भी इम्प्रेस हो जाए।
  • ​4 मार्च से बंद है इटली में स्कूल-कॉलेज, बच्चे ले रहे ऑनलाइन क्लास

    इटली यूरोप के उन देशों में है जहां कोरोना वायरस की सबसे अधिक मार पड़ी है। एहतियात बरतते हुए इटली की सरकार ने 4 मार्च को ही शिक्षण संस्थानों को बंद करने के आदेश दिए थे। लाविनिया तोमासिनी 14 साल की हैं और वह भी बाकी बच्चों की तरह तब से ऑनलाइन क्लास कर रही हैं। लेकिन वह लकी हैं कि उनके पास बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी है और वह घर से पढ़ाई कर पा रही हैं।
  • स्थिति बिगड़ने पर लगा दिया गया लॉकडाउन

    सरकार ने पहले 4 से 15 मार्च तक एहतियातन शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला किया था। उस वक्त सिर्फ 107 लोगों की मौत हुई थी। इटली को अहसास नहीं था कि वह एक ‘जैविक बम’ पर खड़ा है। आगे स्थिति इतनी भयावह हो गई कि संभालना मुश्किल हो गया। यह यूरोप में सबसे अधिक संक्रमित देशों में टॉप पर पहुंच गया। फिर इटली की सरकार ने 13 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन लगा दिया। इस वजह से भी बच्चे डेढ़ महीने से स्कूल नहीं जा पाए हैं।
  • सरकार लाएगी लॉकडाउन 2.0, बच्चों को घर से करनी होगी क्लास

    इटली में 13 अप्रैल को लॉकडाउन समाप्त हो गया लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। मरने वालों का आंकड़ा 21 हजार से ऊपर हो गया है। इस वजह से सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। यहां 2 सप्ताह के लिए लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है। इसकी एक दो दिनों में आधिकारिक घोषणा की जाएगी। ऐसी स्थिति में गियुलियो जैसे बच्चों की मुश्किलें बढ़नी तय है जिन्हें घर में इंटरनेट की सुविधा नहीं मिल पा रही है। (फोटोः रॉयटर्स)

अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में नए मामलों में कमी के लिए निजामुद्दीन मरकज से निकाले गए लोगों में अब ‘जीरो पॉजिटिव ‘केस आने को जिम्मेदार कहा जा सकता है। यहां कुल 1578 केसों में से 1080 यानी 68 प्रतिशत तो तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के हैं। राहत की बात है कि मरकज से निकालकर क्वारंटीन में रखे गए लोगों में अब पॉजिटिव केस बहुत कम मिल रहे हैं।

महाराष्ट्र में पिछले 6 दिनों में सबसे कम केस
देश में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा कहर झेल रहे महाराष्ट्र में भी बुधवार को सुधार दिखा और नए मामलों में 34 प्रतिशत तक की कमी देखी गई। बुधवार को महाराष्ट्र में कुल 232 नए मामले सामने आए जो पिछले 6 दिनों में सबसे कम था और मंगलवार की तुलना में 34 प्रतिशत कम।

COVID-19: मुंबई में दो हजार के लगभग पहुंचे कोरोना के मरीज, 9 हॉटस्पॉट में ही हजार से ज्यादा

COVID-19: मुंबई में दो हजार के लगभग पहुंचे कोरोना के मरीज, 9 हॉटस्पॉट में ही हजार से ज्यादाकोरोना वायरस का संक्रमण मुंबई में तेजी से फैलता जा रहा है। राज्य सरकार और बीएमसी की लाख कोशिशों के बावजूद वायरस के फैलने पर अब तक ब्रेक नहीं लग पाया है। यह वायरस महानगर के लोगों को कितनी तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 14 अप्रैल तक यहां के सभी 24 वॉर्ड में मरीजों की कुल संख्या लगभग 2000 थी, जिसमें से 1,038 सिर्फ 9 वॉर्ड में पाए गए हैं।

मुंबई में नए मामलों में 35 प्रतिशत की कमी
महाराष्ट्र में सबसे बुरी स्थिति मुंबई की है लेकिन अच्छी बात यह है कि बुधवार को वहां नए मामलों में 35 प्रतिशत की कमी आई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बुधवार को 140 नए मामले सामने आए जबकि 2 मरीजों की मौत हो गई। शहर में यह पिछले 11 दिनों में कोरोना से मौत का सबसे कम आंकड़ा था जहां अब तक 114 मौतें हो चुकी हैं। मुंबई में अब तक कोरोना के कुल 1896 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।

एमपी में बढ़े केस लेकिन बाकी हिस्सों में आई कमी
मध्य प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस के 197 नए मामले सामने आए जो सूबे के लिए अच्छे संकेत नहीं है। हालांकि, पूरे देश की बात करें तो एक दिन पहले की तुलना में नए मामलों में करीब 25 प्रतिशत की गिरावट बहुत बड़ी राहत का संकेत हो सकती है।

170 जिलों में हॉटस्पॉट्स, 207 की निगरानी
सरकार ने अब तक 170 जिलों में कोविड-19 हॉटस्पॉट्स या ‘रेड जोन्स’ एरिया की पहचान की है। इन हॉटस्पॉट्स में देश के सभी 6 मेट्रो शहर- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नै, बेंगलुरु और हैदराबाद भी शामिल हैं। इनके अलावा 207 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना के मामलों के दोगुनी होने की रफ्तार फिलहाल तो कम है, लेकिन उनके हॉटस्पॉट्स बन जाने की आशंका भी बनी हुई है। इन जिलों की पहचान वाइट जोन या नॉन-हॉटस्पॉट्स के तौर पर की गई है और वहां कड़ी नजर रखी जा रही है। बाकी जिले जहां अब तक कोरोना के एक भी नए केस नहीं आए हैं, उन्हें ग्रीन जोन में रखा गया है।


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