Coronavirus Treatment : तो क्या वाकई पेट के कीड़े मारने वाली दवा से संभव है कोविड19 का इलाज?

कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में अभी भी तेजी से फैल रहा है और इसे रोकने के लिए डॉक्टरों के द्वारा तरह-तरह के इलाज ईजाद किए जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि संक्रमित मरीजों की बहुत बड़ी तादाद अभी भी बीमार है बल्कि उसमें से कई ऐसे लोग भी हैं जो पूरी तरह से ठीक हो कर घर जा चुके हैं। ऐसे में जब तक कोरोना वायरस की कोई वैक्सीन नहीं बन जाती है तब तक नए-नए इलाज का सहारा लिया जा रहा है। इसी बीच डॉक्टरों का दावा है कि बच्चों के पेट में मौजूद कीड़े को मारने वाली दवा से कोरोना वायरस का इलाज हो सकता है। आइए जानते हैं क्या है इस दवा के काम करने का तरीका…
क्या है इस दवा का नाम ?
यह बात तो हम सभी जानते हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों की एक बहुत बड़ी तादाद ठीक होकर अपने घर भी जा चुकी है। दरअसल, ऐसा मुमकिन हुआ इलाज के नए-नए तरीकों को अपनाने के बाद।इसी बीच, डॉक्टरों ने बच्चों के पेट में मौजूद कीड़ों को मारने वाली दवा, ‘आइवर मेक्टिन’ का इस्तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों पर किया है और उन्हें बेहतरीन परिणाम दिखे हैं। यह एक एंटीपैरासेटिक दवा है। इसका मुख्य कार्य शरीर में मौजूद पैरासाइट्स को मारने का काम होता है जो खासकर बच्चों के पेट में मौजूद कीड़ों को मारने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करती है।
कहां-कहां हो रहा है उपयोग
इस दवा का उपयोग भारत जापान और बांग्लादेश जैसे कुछ अन्य देशों में किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम को देखते हुए डॉक्टरों कोरोना वायरस का इलाज करने में एक और सफलता मिली है। बांग्लादेश में इस दवा का उपयोग करने के कारण करीब 60 मरीजों को ठीक करने में मदद मिली।
फिलहाल पूरी दुनिया के वैज्ञानिक और 100 से ज्यादा रिसर्च ग्रुप कोरोना वायरस की वैक्सीन को बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैक्सीन 1 या 2 महीने में तैयार भी हो जाती है तो इसे पूरी दुनिया के लोगों पर सही तरीके से काम करने के लिए तैयार करने में कम से कम 1 से 2 साल का समय लग सकता है। इसलिए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहने के लिए हमें सभी जरूरी सावधानियां और सेफ्टी टिप्स को अपनाना चाहिए।