कोरोना वायरस : सरकार ने मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर लगाई रोक

भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के संदिग्ध या पुष्ट मामलों में देखभाल करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल की सिफारिश की थी। आईसीएमआर द्वारा कोविड-19 पर गठित राष्ट्रीय कार्यबल द्वारा की गई इलाज की सिफारिशों को भारतीय दवा महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए मंजूरी दी है।

वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) से बुधवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाने वाले घटकों के निर्यात को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। हालांकि, अधिसूचना में यह कहा गया है कि सरकार विदेश मंत्रालय की सिफारिश पर मानवीय आधार पर दवा के निर्यात की अनुमति देगी। इससे पहले सरकार हैंड सैनिटाइजर और वेंटिलेटर के निर्यात पर भी रोक लगा चुकी है।

फार्मास्यूटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन दिनेश दुआ ने बताया कि क्लोरोक्वीन से कुछ मरीजों पर विषाक्त का असर दिखा। ऐसे में इस दवा का बहुत ही एहतियात के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि अभी तक इसके कोविड-19 पर असर करने का सुबूत नहीं मिला है।

दिल्ली के ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर अतुल नासा ने कहा कि जब से स्वास्थ्यकर्मियों और कोविड-19 के संपर्क में आने वाले मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देने की खबर आई थी, तब से लोग इस दवा को खरीदने के लिए दवा की दुकानों पर पहुंचने लगे थे। जबकि इस दवा की जरूरत सभी को नहीं है। उन्होंने कहा कि इस दवा को 15 साल से कम उम्र या 60 साल से ज्यादा आयु वाले लोगों को नहीं दिया जा सकता क्योंकि इसके साइड इफेक्ट्स भी हैं।