निजामुद्दीन मरकज प्रकरण को सांप्रदायिक रंग देना निंदनीय: मदनी 

निजामुद्दीन मरकज प्रकरण को सांप्रदायिक रंग देना निंदनीय: मदनी 
  • बोले, साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ा तो कोरोना के खिलाफ जंग हार जाएगा देश
  • देश के विभिन्न हिस्सों में रुके जमातियों से स्वास्थ्य परीक्षण कराने का किया आह्वान
देवबंद : जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने देश भर में  लोकडाउन में फंसे तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों से स्वास्थ्य को लेकर  सजग रहने और परेशानी होने पर स्वास्थ्य परीक्षण कराने का आह्वान किया है। साथ ही उन्होंने सरकार से लॉकडाउन में फंसे जमातियों समेत सभी लोगों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है।
मंगलवार को जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि देश में जहां भी जमाती रुके हुए हैं उनको चाहिए कि वह स्थानीय प्रशासन से संपर्क करे और अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराए। उन्होंने यह भी कहा कि हजरत निजामुद्दीन मरकज प्रकरण को मीडिया बेवजह तूल दे रही है। है। ऐसे नाजुक वक्त में भी मीडिया इस प्रकरण को सांप्रदायिक रंग दे रहा है जो बेहद निंदनीय है। उन्होंने कहा कि ऐसी विकट परिस्थितियों में यदि देश का सांप्रदायिक सौहार्द खतरे में पड़ा तो देश कोरोना से जंग हार जाएगा।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अगर मरकज के जिम्मेदारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होती है तो राज्य और केंद्र सरकार के उन जिम्मेदारों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज होनी चाहिए जिनके संरक्षण में इससे बड़े धार्मिक  व गैर धार्मिक आयोजन हुए हैं। कहा कि पीएम मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा था कि जो लोग जहां हैं वो वहीं रहे तो ऐसे में पीएम की नसीहत मान कर मरकज में रुकने वाले जमात के लोगों को मुजरिम कैसे ठहराया जा सकता है।
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