हाथरस की घटना पर CM योगी नाराज, हटाए जा सकते हैं UP के DGP HC अवस्थी

हाथरस की घटना पर CM योगी नाराज, हटाए जा सकते हैं UP के DGP HC अवस्थी

लखनऊः हाथरस कांड को लेकर देशभर में आक्रोश का माहौल है। ऐसे में यूपी में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार कई सवालों के घेरे में है। यहां तक कि इन मुद्दों को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर लगातार हमलावर है। ऐसे में चारों तरफ से किरीकरी होती देख सरकार अब नींद से जागी है। जिसके चलते योगी सरकार ने यूपी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को हटाने का फैसला लिया गया है। यूपी के नए डीजीपी की तलाश शुरू हो गई है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

हाथरस की घटना को लेकर सीएम योगी बेहद नाराज हैं। इसके बाद बलरामपुर, भदोही, अलीगढ़, सहारनपुपर, मथुरा में हुई रेप घटनाओं ने यूपी की कानून-व्यवस्था पर सवालिया निशाने लगा दिया है। शनिवार को योगी ने कई अफसरों को ससपेंड भी किया है और अब यूपी डीजीपी पर गाज गिर सकती है। क्योंकि यूपी की कानून व्यवस्था दिन प्रतिदिन बद से बदत्तर होती जो रही है। उधर, आगामी चुनावों से पहले यूपी के कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दे राजनीतिक दलों के लिए शतरंज की बिसात बनते जा रहे हैं।

बीती 14 सितम्बर को जिले के चंदपा क्षेत्र में 19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और मारपीट की घटना हुयी थी। हमले में लड़की की रीढ़ की हड्डी टूट गयी थी। लड़की को पहले स्थानीय अस्पताल फिर अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। हालत की गंभीरता को भांपते हुये उसे दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल रेफर कर दिया गया जहां 29 सितंबर को उसकी मृत्यु हो गयी। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार पर आक्रामक रूख अख्तियार किये हुये कांग्रेस,समाजवादी पार्टी(सपा) और आम आदमी पाटर्ी (आप) समेत अन्य विपक्षी दलों के रूख को भांपते हुये जिला प्रशासन ने 29 और 30 की रात को परिजनो के विरोध के बावजूद शव का अंतिम संस्कार कर दिया और इसी घटना ने विपक्ष को एक बार फिर राज्य सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया।

कांग्रेस, सपा और बसपा समेत समूचे विपक्ष ने एक सुर में घटना का कड़ा विरोध करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग करनी शुरू कर दी। जिला प्रशासन के इस कृत्य को सरकार ने फौरी तौर पर नजरअंदाज किया लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद सरकार हरकत में आयी और घटना की जांच के लिये तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन कर दिया।