केरल की मस्जिद में विवाह रचाकर हिंदू जोड़े ने कायम की मिसाल, सीएम ने दी बधाई
एक ओर देश में जहां नागरिकता कानून को लेकर हिंदू मुस्लिम के बीच खाई पैदा करने की कोशिश की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर उन्माद के इस माहौल में एक हिंदू जोड़े ने विवाह रचाकर मिसाल कायम की है। इस जोड़े ने धार्मिक, सामाजिक बंधनों की बेड़ियों को तोड़कर आपसी नफरत पैदा करने वालों को भाईचारे का संदेश दिया है।
बताया गया कि मस्जिद में हुई इस विवाह में मंत्र पढ़े गए और जोड़े ने आग के समक्ष सात फेरे लिए। दुलहन अंजू और दूल्हे शरत ने एक-दूसरे को माला पहनाई। मस्जिद परिसर में मौजूद पंडित ने विधि-विधान से दोनों की शादी करवाई।
दरअसल यह केरल के अलप्पुझा कयाकमुलम का मामला है। जहां अंजू की मां शादी के लिए पैसे जुटाने में असमर्थ थी जिसके बाद मस्जिद समिति ने उसकी मदद करने का फैसला किया और मस्जिद में हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कराई गई।
चेरुवल्ली जमात समिति के सचिव नुजुमुद्दीन अलुम्मूट्टील ने कहा कि शादी के लिए मस्जिद समिति ने यादगार के तौर पर दस सोने की उपहार और दो लाख रुपये देने भी दिया गया। शादी हिंदू परंपरा से हुई और इस शादी में करीब एक हजार लोगों के खाने का इंतजाम किया था।
नुजुमुद्दीन ने बताया कि साल 2018 में पिता अशोकन की मौत के बाद और परिवार के हालात और खराब हो गए। उन्होंने कहा कि परिवार के सबसे छोटे बच्चे की पढ़ाई के लिए मैंने निजी तौर पर मदद की है। इस बार मस्जिद समिति से मदद की अपील की गई थी और शादी का खर्च भी बहुत ज्यादा है, इसलिए समिति ने मदद करने का फैसला किया था।
उधर केरल के सीएम पिनरई विजयन ने भी अपने फेसबुक पर पोस्ट की। उन्होंने नवविवाहित जोड़े को बधाई देने के साथ-साथ लोगों को भी बधाई दी। उन्होंने आगे लिखा,’केरल ने हमेशा से ही सांप्रदायिक सौहार्द्र के शानदार उदाहरण पेश किए हैं। यह शादी उस वक्त हुई है, जब धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश हो रही है। केरल एक है और हमेशा एक रहेगा।’