LAC पर चीन का डेवलपमेंट, ओवैसी ने साधा केंद्र पर निशाना, बोले – 56 इंच का क्या है रिस्पॉन्स

LAC पर चीन का डेवलपमेंट, ओवैसी ने साधा केंद्र पर निशाना, बोले – 56 इंच का क्या है रिस्पॉन्स

इस पर एआईएमआईएम के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को निशाना बनाया है. औवेसी ने कहा कि चीन की ओर से इन डेवलपमेंट पर कोई बात नहीं की जा रही है.

New Delhi : करीब ढाई साल से चीन के साथ सीमा पर चले रहे फेस ऑफ के बीच अब खबर आ रही है कि चीन ने लद्दाख में डेपसांग के पास भारी इंफ्रस्ट्रक्चर बना लिया है. यह जानकारी भारतीय इंटेलिजेंस ने दी है. इस पर एआईएमआईएम के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को निशाना बनाया है. ओवैसी ने कहा कि चीन की ओर से इन डेवलपमेंट पर कोई बात नहीं की जा रही है. उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि इस पूरे मामले में हमारी केंद्र सरकार क्या कदम उठा रही है?

दरअसल चीन लगातार ही भारत-चीन सीमा पर कई तरह के डेवलपमेंट कर रहा है. इसमें अधिक सेना को डिप्लोय करना हो या हाईवेज बनाना. भारत की सीमा के पास चीन कई हेलिपैड्स भी बना रहा है और बड़े स्तर पर कई तरह की तैयारियां कर रहा है. इंटेलिजेंस ने पहले भी ऐसी ही खबरें दी गई हैं. इस बार भी इंटेलिजेंस की ओर से यह सूचना दी गई है कि चीन कई एडिशनल रोड सीमा के पास बना रहा है. इसके अलावा कुछ नए हेलिपैड्स और मिलेट्री कैंप भी बनाए जा रहे हैं. यह सारा डेवलपमेंट उस सीमा के इस पार हुआ है जिस पर भारत दावा करता है.

इसी पर तंज कसते हुए हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि, ‘लद्दाख के डेपसांग में चीन ने बहुत बड़े स्तर के इंफ्रस्ट्रक्चर बनाए हैं. वह इस बारे में बात तक नहीं करना चाहते हैं.’ उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि, ‘हमारे 56 इंच का इस पर क्या उत्तर है? घर में पूरी तरह से सन्नाटा रखना और बाली में जाकर शी जिनपिंग से हाथ मिलाना.’

स्थिति स्थिर लेकिन अप्रत्याशित- थलसेना प्रमुख

इससे पहले थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन से लगती सरहद पर 30 महीने से अधिक समय से जारी गतिरोध के बीच शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति स्थिर, लेकिन अप्रत्याशित है. जनरल पांडे ने थिंक टैंक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच अगले दौर की सैन्य वार्ता में विवाद के दो शेष बिंदुओं से जुड़े मुद्दों को हल करने पर ध्यान होगा. ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने डेमचोक और देपसांग का जिक्र करते हुए यह बात कही.

सेना प्रमुख ने कहा कि विवाद के सात बिंदुओं में से पांच पर मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल कर लिया गया है. उन्होंने साथ ही कहा कि इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई है, लेकिन सर्दियों की शुरुआत के साथ कुछ पीएलए ब्रिगेड के लौटने के संकेत हैं. उन्होंने चाणक्य डायलॉग्स में कहा कि व्यापक संदर्भ में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी कार्रवाई का बहुत सावधानी से आकलन करने की जरूरत है ताकि भारत अपने हितों एवं संवेदनशीलताओं की सुरक्षा कर पाए.


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