सीमा पर तनाव बढ़ाकर ‘शांतिदूत’ बना चीन, कहा- लद्दाख में हालात स्थिर
पेइचिंग
चीन से फैले कोरोना संक्रमण के कारण पूरी दुनिया परेशान है लेकिन ड्रैगन अपने गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए अलग ही गेम खेल रहा है। भारत से लगती सीमा पर सैन्य झड़पों के बाद चीन ने न केवल अपने सैनिकों को बड़ी संख्या में सीमा के पास तैनात कर दिया है बल्कि अब शांतिदूत बनकर तनाव को स्थिर बता रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के साथ सीमा पर हालात पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण-योग्य हैं। दोनों देशों के पास बातचीत और विचार-विमर्श करके मुद्दों को हल करने के लिए उचित तंत्र और संचार माध्यम भी उपलब्ध हैं।
सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंसीमा पर गतिरोध पर चीनी विदेश मंत्रालय ने यह कहा
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच चल रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने झाओ लिजिआन ने कहा कि सीमा से संबंधित मुद्दों पर चीन का रुख स्पष्ट और सुसंगत है। हम दोनों नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति और दोनों देशों के बीच हुए समझौते का सख्ती से पालन करते रहे हैं। बता दें कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो अनौपचारिक बैठकों के बाद उनके उन निर्देशों का जिक्र कर रहे थे जिनमें उन्होंने दोनों देशों की सेनाओं को परस्पर विश्वास पैदा करने के और कदम उठाने के लिए कहा था।
भारत से तीन गुना है रक्षा बजट
अभी 26 मई को ही चीन का रक्षा बजट आया है। इस साल इसे 179 बिलियन डॉलर रखा गया है, इसके पीछे देश के सामने खड़ी चुनौतियों को बताया गया है। पिछले साल के मुकाबले में इसे 6.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। भारत की बात करें तो हमारा रक्षा बजट साल 2020 के लिए 66.9 बिलियन डॉलर है। चीन का ताजा बजट इसका 2.7 गुना ज्यादा है।
किसके पास कितनी सेना
चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी में फिलहाल 22 लाख सक्रिय कर्मचारी हैं, जबकि भारत में यह संख्या 15 लाख है।
परमाणु हथियारों की संख्या में चीन आगे
चीन के पास कुल 260 परमाणु हथियार है तो दूसरी तरफ भारत के पास सिर्फ 110 परमाणु हथियार हैं।
दोनों एक दूसरे की मिसाइल रेंज की जद में
अगर युद्ध मिसाइलों का होता है तो भारत और चीन एक दूसरे की जद में हैं। भारत के पास 5 हजार किलोमीटर तक मार करनेवाली अग्नि-5 मिसाइल है। चीन का ज्यादातर हिस्सा इसकी रेंज में है। वहीं चीन के पास DF-41 मिसाइल है। 2019 में दिखाई गई इस मिसाइल के साथ दावा किया गया था कि यह 30 मिनट में अमेरिका पर हमला कर सकती है। इसकी रेंज 9,320 किलोमीटर है। इसे न्यूक्लियर हथियार ले जाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
एयरक्राफ्ट के मामलों में चीन आगे
विमानों की संख्या में चीन फिलहाल हमसे आगे है। इसके पास 3,210 विमान हैं। वहीं भारत के पास 2,123 विमान। लड़ाकू विमानों की बात करें तो यह भारत के पास 538 हैं, वहीं चीन के पास 1,232 हैं। हेलिकॉप्टर भारत के पास कुल 722 वहीं चीन के पास 911 हैं।
चीन से सटे बॉर्डर पर कितना तैयार भारत
चीन के सीमावर्ती इलाके में भारत के पास 15 इनफैंटरी डिविजन (हर डिविजन में 12 हजार से ज्यादा सैनिक) हैं। इसके साथ ही तोपखाने, मिसाइलें, टैंक और एयर डिफेंस रेजिमेंट भी हैं।
राफेल के आने से मजबूत होगा भारत
भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल विमान का सौदा किया है। इनमें से चार जुलाई के आखिर तक भारत आ सकते हैं। इनका आना भारत को मजबूती देगा। फिछले दिनों LAC पर चीनी हेलिकॉप्टर उड़ते देखे गए थे। इसके साथ ही खबर है कि चीन ने लद्दाख के पास एयरबेस बनाकर फाइटर जेट वहां खड़े किए हैं।
भारत के निर्माण कार्य पर आपत्ति जताने से हुआ तनाव
ताजा तनाव तब शुरू हुआ जब चीन ने भारतीय सीमा में चल रहे निर्माण कार्य पर आपत्ति जताई। हालांकि, भारतीय सेना ने बताया कि पैंगोंग में अब संघर्ष जैसी स्थिति नहीं है और वहां ज्यादा सैनिक भी नहीं हैं।
शुक्रवार को भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरावणे ने 14 कॉर्प्स के लेह स्थित मुख्यालय का दौरा किया और एलएसी पर सुरक्षा बलों की तैनाती का जायजा लिया। उन्होंने नॉर्दर्न कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह एवं अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की और एलएसी के पास के जमीनी हालात से वाकिफ हुए।
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लद्दाख में धड़ाधड़ सड़क निर्माण से बौखलाया हुआ है चीन
लद्दाख में कुछ ऐसा ही हुआ है, जो चीन को खल रहा है। वहां सालभर पहले एक सड़क बनकर पूरी हुई है। यह काम बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण हालात में संपन्न हुआ। यही वजह है कि लद्दाख में चीन की छटपटाहट लगातार सामने आ रही है। पिछले दिनों भी सिक्किम और लद्दाख में चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों से उलझ पड़े थे। जानकार मानते हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर इस तरह की घटनाएं आगे भी सामने आ सकती हैं।
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दरअसल, लद्दाख में निर्मित दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड मैदानी इलाका देपसांग और गलवान घाटी तक पहुंचता है। इसे सीमा सड़क संगठन (BRO) ने बनाया है। बीआरओ भारत सरकार की वह एजेंसी है जो अपने देश के साथ-साथ पड़ोसी मित्र देशों के सीमाई इलाकों में रोड नेटवर्क तैयार करती है। इसी संगठन ने ठीक एक वर्ष पहले दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड का काम पूरा कर दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर नजर रखने वाले नितिन गोखले ने ट्वीट के जरिए लद्दाख में भारत की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी है।