मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बड़ा फैसला- प. बंगाल में नहीं लगेगा लॉकडाउन

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बड़ा फैसला- प. बंगाल में नहीं लगेगा लॉकडाउन
Mamta Benerjee
  • चुनावी घमासान में पश्चिम बंगाल में भी कहीं कोरोना के मामले काबू के बाहर न चले जाएं ये देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से मदद मांगी थी. वहीं मंगलवार की रात को पीएम मोदी ने रात 8 बजे कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर देश को संबोधित किया.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जारी हैं. विधानसभा चुनावों के छः चरण बीत चुके हैं इस बीच देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू या फिर लॉकडाउन का ऐलान किया गया है. चुनावी घमासान में पश्चिम बंगाल में भी कहीं कोरोना के मामले काबू के बाहर न चले जाएं ये देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से मदद मांगी थी. वहीं मंगलवार की रात को पीएम मोदी ने रात 8 बजे कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर देश को संबोधित किया और राज्यों से इस बात की मांग की कि वो अपने राज्यों में अपने हिसाब से कोरोना को रोकने के कारगर उपाय अपनाएं. जिसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को ऐलान किया कि पश्चिम बंगाल में अभी कोई लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्यों को 400 रुपयों में वैक्सीन क्यों दी जा रही है. ममता बनर्जी ने मीडिया के माध्यम से जनता को संबोधित करते हुए जनता से अपील की है कि वो घबराएं नहीं. साथ ही उन्होंने केंद्र से अपील की है कि बंगाल में कोरोना मरीजों की वोटिंग का सही तरीके से इंतजाम किया जाए और बंगाल में आक्सीजन की कमी देखते हुए सीएम ममता ने केंद्र सरकार से ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने की अपील की है.

इसके अलावा सीएम ममता ने कहा कि रोजाना राज्य में 40 हजार लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है. सीएम ममता ने केंद्र से कोरोना वैक्सीन के एक करोड़ डोज की मांग की है वहीं इसे खरीदने के लिए ममता बनर्जी ने केंद्र से 100 करोड़ रुपयों के फंड की मांग भी की है. आपको बता दें कि इसके पहले सीएम ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र की टीकाकरण की नीतियों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था. ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार की नई सार्वभौमिक कोविड वैक्सीन नीति की आलोचना की और इसे जिम्मेदारियों से बचने का खोखला, अवास्तविक और अफसोसनाक दिखावा करार दिया था.

ममता ने संकट के समय केंद्र पर जिम्मेदारी से बचने का आरोप भी लगाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में बनर्जी ने ध्यान दिलाया कि इस सिलसिले में लिए गए निर्णय में टीकों की गुणवत्ता, उसकी प्रभावकारिता, खुराकों की प्रोड्यूसर्स द्वारा आवश्यक आपूर्ति और उनकी कीमतों के संदर्भ में स्पष्टता नहीं है. उन्होंने आशंका जताई कि केंद्र की इस नीति से टीकों की कीमतें बाजार मूल्य पर निर्धारित होंगी और इससे आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि इससे टीकों की आपूर्ति भी बहुत अनियमित हो जाएगी क्योंकि टीका प्रोड्यूसर मांग के अनुरूप अपने उत्पादों की क्षमता तेजी से बढ़ाने को बमुश्किल तैयार हैं.