83 स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद का रास्ता साफ, सीसीएस लगाएगा अंतिम मुहर
- ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बड़ा फैसला : सीसीएस सौदे पर लगाएगा अंतिम मुहर
- 50,025 करोड़ रुपये का सौदा, अब तक का सबसे बड़ा स्वदेशी रक्षा करार
- एक साल से विमान की श्रेणी, कीमत और शर्तों को लेकर वार्ता चल रही थी
- सीडीएस, डीओडी-डीएमए बनने के बाद रक्षा खरीद परिषद की पहली बैठक में निर्णय
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने बुधवार को स्वदेश निर्मित 83 आधुनिक तेजस विमानों की खरीद का रास्ता साफ कर दिया। एक साल से उन्नत श्रेणी के तेजस मार्क-1ए लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए), खरीद समझौते की शर्तों और कीमत पर विभिन्न भागीदारों के साथ वार्ता चल रही थी। विमान भारत में ही डिजाइन, विकसित और उत्पादित किए जा रहे हैं। इनके कलपुर्जे भारतीय उद्योगों द्वारा बनाए गए हैं। अनुमान है कि इसे बनाने वाली भारत सरकार की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रक्षा मंत्रालय के बीच यह सौदा 50,025 करोड़ रुपये का होगा।
डीएसी से पारित होने के बाद प्रस्ताव रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) में जाएगा। सीसीएस की मंजूरी के बाद अब तक के सबसे बड़े स्वदेशी रक्षा सौदे पर मुहर लगेगी। जनरल विपिन रावत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनने और डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (डीओडी) व डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर (डीएमए) के गठन के बाद यह डीएसी की पहली बैठक थी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस नई व्यवस्था में निर्णय लेने में काफी आसानी हो गई है। मंत्रालय के मुताबिक, मेक इन इंडिया के तहत यह बड़ी स्वदेशी सौदों में एक होगा।