‘8 घंटे शांति से त्योहार नहीं मना सकते, वहां मतदान की कोई जरूरत नहीं’, रामनवमी हिंसा पर कलकत्ता HC की टिप्पणी

पश्चिम बंगाल। रामनवमी के दिन मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामे के रूप में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अदालत ने चुनाव आयोग से मौजूदा स्थिति को देखते हुए बहरमपुर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव स्थगित करने को भी कहा है। बता दें कि इस मामले की एनआईए जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी। इसको लेकर अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।
मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर में रामनवमी की शोभायात्र के दौरान हुए दंगे को लेकर हाई कोर्ट ने मंगलवार को टिप्पणी की कि ‘मैं चुनाव आयोग से बहरमपुर में 13मई को होने वाला चुनाव देरी करने के लिए कहूंगा।’
यह टिप्पणी कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने रामनवमी पर हुई हिंसा को लेकर की है। उन्होंने टिप्पणी की कि जहां लोग आठ घंटे तक शांति से अपना त्योहार नहीं मना सकते, वहां इस समय मतदान की कोई जरूरत नहीं है।
दरअसल, मुर्शिदाबाद का रेजीनगर इलाके में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हिंसा हुई थी। कथित तौर पर जब जुलूस रेजीनगर के शांतिपुर इलाके से गुजर रहा था तो कुछ लोगों ने घर की छत से ईंटें और बम फेंके। इस घटना में कई लोगों के घायल हो गए। रामनवमी की घटना को लेकर पूरे इलाके में तनाव फैल गया था। स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन को रैफ उतारना पड़ा था।
रामनवमी जुलूस को लेकर बहरमपुर में हुए दंगों को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला दायर किया गया था। वादी पक्ष ने मांग की कि एनआइए को घटना की जांच करने की अनुमति दी जानी चाहिए। मंगलवार को चीफ जस्टिस की खंडपीठ में मामले पर सुनवाई हुई। उस सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील ने मुख्य न्यायाधीश के सामने रामनवमी दंगों को लेकर चिंता जताई। न केवल बहरामपुर, बल्कि रामनवमी के दिन राज्य में हुई सभी अशांति की घटनाओं की सूचना वादी की ओर से अदालत को दी गई।
मंगलवार के मामले में चीफ जस्टिस ने अशांति पर चिंता जताई। इसके बाद उन्होंने अपने अवलोकन में बहरमपुर चुनाव स्थगित करने का मुद्दा उठाया। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह जानना जरूरी है कि इस घटना को किसने उकसाया। राज्य और केंद्रीय एजेंसियां चाहें तो हलफनामा दाखिल कर सकती हैं। कोर्ट ने मामले में राज्य से रिपोर्ट मांगी है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, राज्य को अदालत को रिपोर्ट देनी चाहिए कि रामनवमी पर क्या हुआ। इस मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।