दूसरे फेज में पहुंची ‘बस पॉलिटिक्स’, राजस्थान ने योगी सरकार को भेजा 36 लाख रुपये का बिल

- बीजेपी और कांग्रेस के बीच बस पॉलिटिक्स दूसरे चरण में, राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार को भेजा 36 लाख का बिल
- गहलोत सरकार का यह बिल उन छात्रों के नाम से भेजा गया है जिन्हें राजस्थान परिवहन की बसों से कोटा से यूपी भेजा गया था
- लेटर 8 मई का है, इसे यूपी में प्रवासी मजदूरों के लिए 1000 बसों को लेकर दोनों दलों के बीच छिड़े संग्राम से जोड़ा जा रहा
लखनऊ/जयपुर
बीजेपी और कांग्रेस के बीच बस पॉलिटिक्स (Bus Politics) दूसरे चरण में पहुंच गई है। यूपी सरकार को 1,000 बस देने के कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के प्रस्ताव पर अभी सियासत ठंडी नहीं हुई है। इसी बीच राजस्थान की कांग्रेस सरकार (Rajasthan Sarkar) ने यूपी सरकार को 36.36 लाख रुपये का बिल थमा दिया है। यह बिल कोटा से यूपी लाए गए बच्चों के लिए 70 बसें उपलब्ध करवाने का है। इसको लेकर सरकार ने कांग्रेस की नीयत पर सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है।
ये बिल उन छात्रों के नाम से भेजा गया है जिन्हें राजस्थान परिवहन की बसों से कोटा से यूपी भेजा गया था। गहलोत सरकार ने बिल भेजकर तुरंत भुगतान के लिए कहा है। यह लेटर 8 मई का है लेकिन मीडिया में आज सामने आया है। इससे पहले यूपी में 1000 बसों के लेकर दलों के बीच जमकर संग्राम छिड़ा था।
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान कोटा में फंसे छात्रों की घर वापसी के लिए यूपी सरकार राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार की मदद की थी बसें भेजी थीं लेकिन छात्रों की संख्या अधिक होने की वजह से राजस्थान सरकार ने अपनी कुछ बसों से छात्रों को यूपी स्थित उनके घर भिजवाया था। राजस्थान सरकार ने यूपी सरकार को कुल 36,36,664 रुपये का बिल भेजा है।
यूपी सरकार ने भेजी थीं 560 बसें
लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में करीब 12 हजार छात्र फंसे थे। इन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने घर पहुंचाने के लिए 560 बसें भेजी थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण राजस्थान सरकार ने 70 बसों का इंतजाम किया था। इन्हीं बसों का किराया अब राजस्थान सरकार मांग रही है। इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी ट्वीट किया है। संबित ने दावा किया कि योगी सरकार पहले ही डीजल के 19 लाख रुपये चुकी है।
पात्रा ने कहा- 19 लाख पहले दे चुके
पात्रा ने लिखा, ‘कोटा से उत्तर प्रदेश के छात्रों को वापस लाते समय UP के कुछ बसों को डीजल की आवश्यकता पड़ गई ..दया छोड़िए ..आधी रात को दफ्तर खुलवा कर प्रियंका वाड्रा की राजस्थान सरकार ने UP सरकार से पहले 19 लाख रुपए लिए और उसके बाद बसों को रवाना होने दिया, वाह रे मदद।’
क्या है बस विवाद?
इसे यूपी में कांग्रेस और बीजेपी के बीच बस पॉलिटिक्स से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, प्रवासी मजदूरों के लिए कांग्रेस की तरफ से एक हजार बसों के मामले में यूपी में कांग्रेस-बीजेपी के बीच जमकर सियासत हुई। दोनों दलों के बीच लेटर वॉर हुआ। योगी सरकार ने बसों की मंजूरी दी तो प्रियंका गांधी की तरफ से इसकी लिस्ट भेजी गई जिसके बाद बीजेपी ने दावा किया कि कांग्रेस की तरफ से भेजी गई लिस्ट में टू-वीलर और थ्री वीलर के नंबर भी शामिल थे। दोनों दलों के बीच विवाद और बढ़ता गया, वहीं बुधवार को यूपी कांग्रेस चीफ को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।