दिसंबर में टूटा खुदरा महंगाई का चार साल का रिकॉर्ड, 7.35 फीसदी पर पहुंची दर
अक्तूबर-नवंबर में यह रही थी महंगाई दर
अक्तूबर में जहां खुदरा महंगाई दर 4.62 फीसदी रही थी, वहीं नवंबर में यह बढ़कर 5.54 फीसदी पर पहुंच गई थी। पिछले दो माह में प्याज की कीमतें भी 50 रुपये से बढ़कर 160 रुपये तक पहुंच गई थी। हालांकि अब प्याज की कीमतों में काफी कमी हो गई है।
2019 में प्याज की कीमत ने जनता के साथ सरकार को भी विचलित कर दिया था। इसके बाद आखिरी तिमाही में टमाटर के भाव भी आसमान पर पहुंच गए, जिससे खुदरा महंगाई दर तीन साल में सबसे ज्यादा हो गई।
दरअसल, बारिश व सूखे की वजह से फसल बर्बाद होने और आपूर्ति में बाधा आने से रोजमर्रा के इस्तेमाल की सब्जियां जैसे आलू, टमाटर के दाम काफी बढ़ गए। ऐसे में मानसून और कुछ सीमित अवधि को छोड़ दिया जाए तो पूरे साल टमाटर 80 रुपये किलो के भाव बिका।
दिसंबर में आपूर्ति प्रभावित होने की वजह से कुछ समय के लिए आलू भी 30 रुपये किलो पहुंच गया। महंगी सब्जियों की वजह से नवंबर में खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी से ऊपर पहुंच गई। सरकार ने भी टोमैटो, ओनियन, पोटैटो यानी ‘टॉप’ सब्जियों को 2018-19 के आम बजट में शीर्ष प्राथमिकता दी थी।
पिछले साल नवंबर में ऑपरेशन ग्रीन के तहत इन तीनों सब्जियों की कीमतों में उतार-चढ़ाव रोकने के लिए इनके उत्पादन और प्रसंस्करण पर विशेष जोर दिया गया। इसके अलावा लहसुन और अदरक जैसी सब्जियों के दाम भी 200-300 रुपये किलो से ऊपर ही रहे।