सावधान! दर्द निवारक नहीं, जहर है काली गोली
सभी पंसारी व दवा की दुकान पर उपलब्ध है यह जहर
देवबंद [डॉ शिबली इकबाल/खिलेंद्र गाँधी]। काली दर्द की गोली के नाम से प्रत्येक पंसारी व दवाई की दुकान पर बिकने वाली दर्द निवारक (काली गोली), किडनी सहित शरीर के अन्य अन्य अंगों को गम्भीर नुकसान पंहुचा रही है। इन गोलियों को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रचारित किया जाता है। यदि आप इन गोलियों का सेवन कर रहे है तो सावधान हो जाईये, क्योकि ये गोलियां दर्द में आराम पंहुचाने के साथ साथ आपको गंभीर बिमारियों की सौगात दे रही है।
इन गोलियों के कारण बिस्तर पर जिन्दगी मौत से जूझ रही श्रीमति कमलेश शर्मा कहती है कि यह काली दर्द की गोली आराम पंहुचाने के साथ मौत भी बाँट रही है। उन्होने बताया कि उनके तथा उनके पति के घुटनो तथा जोड़ों मे बडा दर्द था। दर्द भी इतना की उठ कर बैठना बडा कठिन था। गोली खाने से हफ्ते भर मे आराम हो गया, मगर छोडते ही पुनः दर्द होता था। नतीजा ये हुआ कि यह गोली एक खुराक के रूप मे प्रति दिन लेने को मजबूर होना पडा। उन्होने बताया कि पिछले दस बारह साल से हम पति पत्नी दोनों इन गोलियों के भरोसे चल रहे थे। इन गोलियों ने ही लगभग डेढ वर्ष पूर्व मेरे पति को बिस्तर पर ला दिया था। बडे इलाज के बाद उनकी जान बची थी। उस समय उन्होने जब इलाज के चलते यह गोली छोडी थी, तब मुझे भी रोका था परन्तु मेरी मजबूरी थी क्योकि मैं भारी शरीर के कारण उठने बैठने में मजबूर थी।
चिकित्सकों के द्वारा तमाम जांच के बाद पता चला कि इन गोलियों के कारण किडनी को नुकसान तथा पेशाब में संक्रमण हो गया है। यह काली गोली आम आदमी मे काफी प्रचलित है, क्योकि सस्ती है, तीस रुपये की अट्ठारह गोली है ।
स्वास्थ विभाग व औषधी विभाग को करानी चाहिये जांच
देवबंद: काली गोली नही जहर इन गोलियों की बिक्री पर रोक लगाने के साथ साथ ड्रग विभाग को सबसे पहले इन गोलियों की बिक्री को रोकने के साथ-साथ इनके निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यह गोली पूरे देश मे बिक रही है।