बीजेपी को राहुल का भय! एजेंसियों का दुरुपयोग कर गांधी परिवार को सताना ठीक नहीं: सामना

मुंबई : शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में राहुल गांधी की तारीफ करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा गया है. साथ ही रॉबर्ट वाड्रा से आयकर विभाग की पूछताछ को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं. ‘सामना’ में लिखा गया कि ‘केंद्रीय जांच एजेंसी का दुरुपयोग करके गांधी परिवार को सताना ठीक नहीं है. दिल्ली के सत्ताधारियों को राहुल गांधी से डर लगता है. लड़ाका अकेला भले रहे, उससे तानाशाह को डर लगता है और अकेला योद्धा प्रामाणिक होगा तो यह डर सौ गुना बढ़ जाता है. राहुल गांधी का डर सौ गुना वाला है.’
बीजेपी को राहुल गांधी का भय!
7 जनवरी को ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा गया कि राहुल गांधी फिर से कांग्रेस के अध्यक्ष बन रहे हैं, ये अच्छी बात है. बीजेपी के लिए मोदी के बिना और कांग्रेस के लिए गांधी के बिना कोई विकल्प नहीं है, इस सच को स्वीकार करना होगा. ‘सामना’ के मुताबिक, ‘राहुल गांधी कमजोर नेता हैं’ का प्रचार करके भी राहुल गांधी अब भी खड़े हैं और लगातार सरकार पर हमले कर रहे हैं. दिल्ली के सत्ताधारियों को राहुल गांधी से डर लगता है. ऐसा नहीं होता तो अनावश्यक गांधी परिवार की बदनामी की सरकारी मुहिम नहीं चलाई गई होती.
रॉबर्ट वाड्रा पर लिखी ये बात
‘सामना’ में लिखा गया कि राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद स्वीकार करने के लिए हामी भर दी है. यह बात पक्की होते ही दूसरी तरफ प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा के घर आयकर विभाग का दस्ता पहुंच गया, यह संयोग बिल्कुल भी नहीं है. वाड्रा हमेशा बीजेपी के निशाने पर रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से केंद्र गांधी परिवार के विरोध में हर तरह का शस्त्र प्रयोग कर रहा है.
बीजेपी पर तंज
‘सामना’ के जरिए बीजेपी पर तंज कसते हुए लिखा गया कि कोरोना वैक्सीन तो वैज्ञानिकों ने ढूंढ ली, एकाध वैक्सीन राजनीतिक पेट दर्द और बदले की बीमारी के लिए भी बनाई होती तो कितना अच्छा होता! बीजेपी के विरोध में खड़े हर व्यक्ति का आर्थिक व्यवहार खोदकर निकाला जा रहा है. हालांकि, इसमें भले ही नींबू हाथ में आए लेकिन चिल्लाया जाता है कि कद्दू हाथ लगा है.
पीएम मोदी पर निशाना
‘सामना’ में पीएम मोदी पर भी निशाना साधा गया. संपादकीय में लिखा कि, ‘विदेश से काला धन लाने की गर्जना तो प्रधानमंत्री मोदी ने ही की है. इन काले धनवालों ने ‘पीएम केयर्स फंड’ में गुप्त दान करके खुद को शुद्ध करवा लिया है क्या, इसकी जांच किस अदालत में होगी? विरोधी दल से मतभेद हो सकते हैं लेकिन विरोधी दल का गला दबाकर उनके शव को दिल्ली के विजय चौक में लटकाने की नीति धक्कादायक है.’